Uttrakhand Weather: उत्तराखंड में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट, चारधाम यात्रा रविवार को रहेगी स्थगित
देहरादून: उत्तराखंड में अत्यंत भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए रविवार को चारधाम यात्रा स्थगित रहेगी। तीर्थ यात्रियों से अपील की गई है कि जहां हैं, वहीं सुरक्षित स्थानों पर विश्राम करें और मौसम साफ होने तक प्रतीक्षा करें। गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि रविवार शाम को बैठक में अगले दिन की यात्रा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि ऋषिकेश और विकासनगर से तीर्थ यात्रियों को चारधाम यात्रा के लिए रवाना न किया जाए।
प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। नदी-नालों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन से सड़कें खतरनाक हो गई हैं। शनिवार को चमोली में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चटवापानी के पास पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर बाइक सवार दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई। हैदराबाद निवासी निर्मल शाही (36) और सत्यनारायण (50) बदरीनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे थे।
भूस्खलन से 200 से अधिक संपर्क मार्ग बाधित हैं और 300 से अधिक गांव अलग-थलग पड़े हैं। चारधाम यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने से छह हजार तीर्थयात्री घंटों फंसे रहे। भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए शनिवार को पर्यटकों को फूलों की घाटी नहीं भेजा गया। मौसम का असर हवाई सेवाओं पर भी पड़ा। दृश्यता कम होने के चलते देहरादून एयरपोर्ट से तीन उड़ान रद कर दी गईं, जबकि एक को डायवर्ट किया गया।
भारी वर्षा से चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन का सिलसिला तेज हो गया है। इस कारण गौरीकुंड (केदारनाथ) राजमार्ग रुद्रप्रयाग में डोलिया देवी के समीप 20 घंटे तक अवरुद्ध रहा। इस दौरान 3,000 से अधिक तीर्थयात्री फंसे रहे। बदरीनाथ राजमार्ग मलबा आने से सात स्थानों पर करीब नौ घंटे बंद रहा, जिससे बदरीनाथ और हेमकुंड की यात्रा पर आए 2,000 से अधिक श्रद्धालु जहां-तहां फंस गए।
उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग हेल्गूगाड़ के पास मलबा आने से करीब तीन घंटे और यमुनोत्री राजमार्ग डाबरकोट के पास चार घंटे अवरुद्ध रहा। इस दौरान एक हजार से अधिक तीर्थयात्री फंसे रहे।
पिथौरागढ़ जिले में काली, गोरी और बागेश्वर में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया है। चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद है। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर मोहान में पुल क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही बाधित हो गई है। मार्ग बंद होने से एक लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। चंपावत में पूर्णागिरि मुख्य मंदिर के पास चट्टान खिसकने से अवरुद्ध मार्ग दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया। इस कारण 200 श्रद्धालुओं को लौटा दिया गया।
अलकनंदा और मंदाकिनी का जलस्तर चेतावनी रेखा के पार
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा के ऊपर पहुंच गया है। नदी किनारे रह रहे आधा दर्जन परिवारों ने घर खाली कर दिए हैं। यमुना, टौंस और आसन नदी का जलस्तर बढ़ने से पांच पावर हाउस में विद्युत उत्पादन ठप हो गया है। भूस्खलन और नदी-नालों के उफान से 120 से अधिक गांवों में बिजली, जबकि 80 से अधिक गांवों में संचार सेवा ठप हो गई है। कई गांवों में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित है। मैदानी शहरों में सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं।
नौ जिलों में अत्यंत भारी वर्षा का रेड अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आठ जुलाई तक वर्षा का दौर इसी प्रकार बना रह सकता है। शनिवार को चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी में भी कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।