देहरादूनः देहरादून में लेफ्टिनेंट कर्नल को उसकी बार डांसर प्रेमिका की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पांच साल सिलीगुड़ी में पोस्टिंग पूरी करने के बाद जब लेफ्टिनेंट कर्नल उपाध्याय देहरादून आया तो उसकी हरकतें ठीक नहीं थी। शुरुआत में ही पत्नी को उस पर शक होने लगा था।
ऐसे में उस पर सीधी नजर रखने के लिए पत्नी ने उपाध्याय की कार में जीपीएस लगवा दिया था। अब जब भी उपाध्याय कहीं बाहर जाता तो इसकी खबर पत्नी को लग जाती थी। यह बातें जब खुलती तो दोनों के बीच झगड़े होने लगते थे। इसी कारण उपाध्याय श्रेया को ठिकाने लगाने की तैयारी करने लगा और शनिवार को वह अपने मंसूबे में कामयाब भी हो गया।
रामेंदू उपाध्याय वर्ष 2009 में सेना में भर्ती हुआ था। वर्ष 2010 में वह डिपार्टमेंटल कमीशन के जरिये लेफ्टिनेंट बन गया। उसने एक साल की ट्रेनिंग आईएमए में ली और फिर पोस्टिंग चला गया। इस समय वह आर्म्ड सप्लाई कोर में तैनात था। अधिकारी बनने के बाद ही उसने शादी भी कर ली।
वर्ष 2019 में उसकी पोस्टिंग सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल में हो गई। यहीं पर उसकी श्रेया से जान पहचान हुई। गत जुलाई को उसकी पोस्टिंग देहरादून कैंट में हो गई। सात साल पहले ही उसने पंडितवाड़ी में यह मकान बनवा लिया था। वह बाहर किसी भी पोस्टिंग पर अपनी पत्नी को साथ नहीं ले गया। लेकिन, जब देहरादून आया तो उसे पत्नी के साथ ही रहना पड़ा। इसके बाद वह ड्यूटी पर तो जाता था मगर समय से घर नहीं आता था।
जीपीएस ने खोला अवैध संबंधों का राज
कभी किसी काम का बहाना बनाता तो कभी शहर से बाहर जाने की बात करता था। उसकी इन हरकतों के चलते ही पत्नी को शक हो गया। एक दिन जब वह बिना गाड़ी के ड्यूटी पर गया तो पत्नी ने एक मैकेनिक को बुलाकर गाड़ी में जीपीएस लगवा दिया। पत्नी ने इस जीपीएस को अपने फोन से कनेक्ट कर लिया और उस पर सीधे नजर रखने लगी। अब जब भी वह बाहर जाता और घर पर आकर कहीं जाने की बात कहता तो पत्नी सारी सच्चाई उसके सामने बता देती थी।
पत्नी ने रंगे हाथ था पकड़ा
इस बात को लेकर दोनों में काफी झगड़े होने लगे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक दिन पत्नी को पता चल गया कि वह एक युवती से मिलने के लिए क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में जाता है। पत्नी ने पीछा कर उसे एक बार पकड़ भी लिया। तब उसने माफी मांगी और मामले को दबाने की कोशिश की। बात ज्यादा बढ़ी तो उपाध्याय ने श्रेया को ही ठिकाने लगा दिया। उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद से पत्नी सदमे में बताई जा रही है।
तीन सितंबर को दिलाया था श्रेया को फ्रॉक
जो फ्रॉक श्रेया ने पहना था पुलिस ने उस कंपनी के शोरूम में भी पड़ताल की थी। इस तरह के आठ फ्रॉक इस शोरूम से बेचे गए थे। इस बीच पता चला कि उपाध्याय ने श्रेया को यह फ्रॉक राजपुर रोड स्थित इस शोरूम से गत तीन सितंबर को दिलाया था। इसकी वहां पर सीसीटीवी कैमरों में पुष्टि भी हुई है।