देहरादूनः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए सर्कुलर के अनुसार अब मिनिमम बैलेंस नहीं मेंटेन करने पर बैंक उपभोक्ता पर पेनल्टी नहीं लगा सकते हैं। इस नियम के दायरे में वे सभी बैंक अकाउंट शामिल है, जो पिछले 2 साल से एक्टिव नहीं हैं। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में बताया है कि यह नियम 2024-25 से लागू होगा। यानी यह नियम इसी साल एक अप्रैल से लागू हो जाएगा। बैंक स्कॉलरशिप या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए खोले गए खातों को भी इन-एक्टिव क्लालीफाई नहीं किया जा सकता।
मिनिमम बैलेंस को लेकर बड़ा बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने खातों में मिनिमम बैलेंस को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अगर आप बैंक अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो आपको मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं देना होगा। आरबीआई ने कहा कि बैंक उन खातों पर मिनिमम बैलेंस मेंटनेंस ना करने के लिए पेनाल्टी नहीं लगा सकते हैं, जो खाते निष्क्रिय हो चुके हैं। इसमें उन खातों को शामिल किया गया है, जिसमें 2 साल से अधिक समय तक कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है।
नए नियम में कही गई ये बात
आरबीआई ने ये भी कहा कि बैंक स्कॉलरशिप या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पाने के लिए खोले गए खातों को निष्क्रिय के रूप में क्लासिफाई नहीं कर सकते हैं। भले ही इन खातों का इस्तेमाल दो साल से अधिक समय तक नहीं किया गया हो। आरबीआई का निष्क्रिय खातों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके जरिए बैंकों को निर्देश दिए गए हैं। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि इन निर्देशों से बैंकिंग सिस्टम में अनक्लेम्ड डिपॉजिट को कम करना और ऐसी रकम को उनके सही दावेदारों को वापस करने की कोशिश की गई है।
कस्टमर से संपर्क करेंगे बैंक
आरबीआई के नए नियम के मुताबिक बैंकों को कस्टमर को एसएमएस, लेटर या मेल के जरिये उनके खातों को निष्क्रिय होने की जानकारी देनी होगी। इस सर्कुलर में बैंकों से ये भी कहा गया है कि अगर कोई निष्क्रिय खाते का मालिक जवाब नहीं देता है तो बैंक उस व्यक्ति से संपर्क करें, खाताधारक या खाताधारक के नॉमिनी का परिचय क था।
अकाउंट एक्टिव करने को नहीं देना होगा चार्ज
आरबीआई के नए सर्कुलर के मुताबिक बैंकों को निष्क्रिय किए गए खातों में मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने पर पेनाल्टी लगाने की इजाजत नहीं दी गई है। नियम के मुताबिक निष्क्रिय खातों को एक्टिव करने के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।
आरबीआई की चेतावनी के बाद भी लगाई जा रही थी पेनल्टी
आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2023 तक अनकलेम्ड डिपॉजिट में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और ये 42272 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। वो डिपॉजिट अकाउंट्स, जो 10 साल या उससे अधिक समय से ऑपरेट नहीं किया गया है, उसके बैलेंस को बैंक आरबीआई की डिपॉजिटर और एजुकेशन अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर करेंगे। इससे पहले आरबीआई ने बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर पेनाल्टी चार्ज लगने के कारण खातों में बैलेंस निगेटिव ना हो जाए। इसके बाद भी कई बैंक लगातार पेनाल्टी लगाते रहे हैं।