रुद्रप्रयाग

मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद,पांच क्विटल फूलों से सजाया गया मंदिर

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बुद्धवार को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि पूर्व भाद्रपदा नक्षत्र कुंभ राशि में प्रात: साढ़े आठ बजे विधि -विधान से पूजा अर्चना के बाद बंद हो गये है। कपाट बंद होने के समय सात सौ से अधिक तीर्थयात्री एवं स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे। इस अवसर पर मंदिर को पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया था।

द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट बंद होने के साथ ही इस यात्रा वर्ष 2023 का समापन हो गया है। विषम भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद तेरह हजार श्रद्धालु मदमहेश्वर मंदिर तथा पहली बार एक लाख छत्तीस हजार श्रद्धालु तृतीय केदार श्री तुंगनाथ पहुंचे‌ है।

बुधवार सुबह चार बजे श्री मदमहेश्वर मंदिर खुला, भगवान मदमहेश्वर का अभिषेक जलाभिषेक पूजा हुई। साढ़े सात बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहे उसके पश्चात पुजारी बागेश लिंग ने कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू की भगवान शिव एवं भैरव नाथ, की पूजा- अर्चना संपन्न हुई भगवान मदमहेश्वर के स्यंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया, स्थानीय फूलों- शुष्क पुष्पों राख से ढ़क दिया। इसके बाद ममहेश्वर की चलविग्रह डोली के सभामंडप से बाहर आते ही साढे़ आठ बजे मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये। भगवान मदमहेश्वर की चलविग्रह डोली ने भगवान मदमहेश्वर के मंदिर भंडार तथा पूजा तथा भोग के तांबे पीतल धातु निर्मित पुरातन बर्तनों का निरीक्षण किया।
कपाट बंद होने के बाद मंदिर की परिक्रमा करते हुए श्री मदहेश्वर जी की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए प्रस्थान हुई।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान वेदपाठी यशोधर मैठाणी,डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, मृत्युंजय हीरेमठ,सूरज नेगी,दिनेश, बृजमोहन,संदीप नेगी, बृजमोहन कुर्मांचली तथा गौंडार गांव के हक हकूक धारी , पुलिस प्रशासन प्रतिनिधि सहित वन विभाग के कर्मचारी एवं बड़ी संख्या यें श्रद्धालुजन मौजूद मौजूद रहे।
कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने जानकारी दी है कि इस यात्रा वर्ष 12777 बारह हजार सात सौ सत्तहत्तर श्रद्धालु भगवान मदमहेश्वर के दर्शन को पहुंचे है।

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने कहा कि श्री मदमहेश्वर भगवान की चलविग्रह डोली के 25नवंबर को श्रीओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने पर मंदिर समिति तथा स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया जायेगा।
23नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी।

24नवंबर को गिरिया तथा 25 नवंबर को चल विग्रह डोली पंच केदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी इसके साथ श्री मदमहेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं शुरु हो जायेंगी। 25 नवंबर को उखीमठ में मुख्य रूप से श्री मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा।

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