राजनीति

सांसदों का निलंबन: राजभवन कूच कर रहे विपक्ष के नेताओं को पुलिस ने रोका

देहरादून: विपक्ष के सांसदों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को राजभवन कूच किया, लेकिन पुलिस ने हाथीबड़कला में उन्हें बेरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिस पर पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लेना शुरू किया तो कार्यकर्ता पुलिस के वाहनों के आगे लेट गए।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, डॉ हरक सिंह रावत, अनुकृति गुसाईं समेत कूच में शामिल वामदल व सपा नेताओं को रिजर्व पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां से शाम को उन्हें छोड़ दिया गया।
प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में जुटने लगे थे। दोपहर करीब साढ़े 11 बजे से राजभवन कूच शुरू हुआ तो जुलूस में समाजवादी पार्टी और वाम दलों के नेता भी शामिल हो गए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में जुलूस हाथीबड़कला पहुंचा तो पुलिस ने डबल बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया।

इससे आक्रोशित कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता बेरिकेडिंग पर चढ़ गए। यहां करीब डेढ़ घंटे तक कार्यकर्ता केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। पुलिस इन्हें बेरिकेडिंग से उतारकर हटाने लगी तो नोकझोंक शुरू हो गई। खुद करन माहरा सड़क पर लेट गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कुर्सी डालकर सड़क पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने इन्हें हिरासत में लेकर वाहन में बैठाना शुरू किया तो कार्यकर्ता पुलिस वाहनों के आगे लेट गए। पुलिस उन्हें भी उठाकर वाहनों में ले गई। जिन्हें बाद में रिजर्व पुलिस लाइन ले जाकर छोड़ दिया गया।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक ममता राकेश, वीरेंद्र जाती, फुरकान अहमद, अनुपमा रावत, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, डा. हरक सिंह रावत, मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी, सूर्यकांत धस्माना, कोषाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, जोत सिंह गुनसोला, रामयश सिंह, डा. संतोष चौहान, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, राजेंद्र शाह, हरि कृष्ण भट्ट, पूरन सिंह रावत, गोदावरी थापली, जयेंद्र रमोला, भगवती सेमवाल, महानगर अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी, महानगर अध्यक्ष हरिद्वार सतपाल ब्रह्मचारी, राजेंद्र चौधरी, जिलाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल, मोहित उनियाल, शांति रावत, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, अभिनव थापर, शीशपाल सिंह बिष्ट, अनुकृति गुसांई, सेवादल अध्यक्ष हेमा पुरोहित, विरेंद्र पोखलियाल, मानवेंद्र सिंह, सपा के राष्ट्रीय सचिव डा. सत्यनारायण सचान, भाकपा (माले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, सीपीआइ से समर भंडारी, सीपीएम के प्रदेश महासचिव राजेंद्र सिंह नेगी,जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, महानगर सचिव अनंत आकाश, सीटू के महासचिव लेखराज, सीटू के उपाध्यक्ष भगवान पयाल, इंदु नौडियाल आदि उपस्थित रहे।

निलंबन वापस लेने की मांग की

कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मामले में हस्तक्षेप कर सांसदों का निलंबन शीघ्र वापस लिए जाने की मांग की है। राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा है कि यह स्वस्थ लोकतंत्र के भविष्य के लिए उचित नहीं है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल इसे सहन नहीं करेगा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों को उनके कर्तव्यों से विमुक्त करना लोकतंत्र के प्रति अपराध है। असहमति के स्वरों को सुनना एवं स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है और भारतीय संसद लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच है। देश और जनता से जुड़े मुद्दों पर अगर लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में चर्चा नहीं की जाएगी तो फिर कहां की जाएगी।

संसद एवं देश की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने पर लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के उपसभापति की यह कार्रवाई लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं है। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के सांसदों के साथ जिस प्रकार की कार्रवाई की है वह भाजपा के तानाशाही रवैये को उजागर करती है। भाजपा को निलंबित सांसदों से माफी मांगनी चाहिए और संसद सुरक्षा में हुई चूक की जिम्मेदारी लेते हुए सभी का निलंबन वापस लिया जाना चाहिए।

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