देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम में सात वर्ष बाद मृतक आश्रितों की नियुक्ति की राह तो खुली, लेकिन पत्रावलियों में विसंगति ने फिर नियुक्ति में पेच फंसा दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में दिसंबर में हुई कैबिनेट बैठक में परिवहन निगम में 195 मृतक आश्रितों को नियुक्ति के आदेश दिए गए थे। पत्रावलियों में विसंगति सामने आने पर निगम मुख्यालय ने सभी आश्रितों को शुक्रवार यानी 19 जनवरी को मुख्यालय में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
उत्तराखंड परिवहन निगम में नियुक्ति की मांग को लेकर सात साल से आंदोलन कर रहे मृतक आश्रितों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 22 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक से बड़ी राहत मिली थी। राज्य सरकार ने मृतक आश्रितों के लिए फ्रीज चल रहे 195 पदों को अनफ्रीज करने का निर्णय लेकर निगम प्रबंधन को वर्ष 2017 से रुकी मृतक आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ करने के आदेश दिए थे।
मृतक आश्रितों की संख्या 200 से भी ऊपर बताई जा रही, जिसमें 195 मृतक आश्रित वर्ष-2017 से मार्च-2022 तक के हैं। नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ होने पर निगम मुख्यालय ने तीनों मंडल देहरादून, नैनीताल व टनकपुर के प्रबंधकों से आश्रितों का रिकार्ड उपलब्ध कराने को कहा था। इसमें देहरादून मंडल से 87 मृतक आश्रितों का रिकार्ड मुख्यालय में भेजा गया। दस्तावेजों के सत्यापन में कई विसंगतियां मिली हैं।
निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने देहरादून मंडल प्रबंधक को पत्र भेजकर विसंगतियों की जानकारी दी है। इसमें किसी की जन्म-तिथि गलत दर्ज है तो किसी ने अपने परिवार में किसी सदस्य के सरकारी नौकरी में होने का प्रमाण नहीं दिया है। महाप्रबंधक की ओर से मंडल प्रबंधक को आदेश दिए गए हैं कि विसंगति वाले मृतक आश्रितों को 19 जनवरी को मुख्यालय में पेश होने की जानकारी दी जाए।