उपलब्धि: केदारनाथ में शंकराचार्य और अयोध्या में रामलला की प्रतिमा एक ही शिल्पकार ने गढ़ी
रुद्रप्रयाग: अयोध्या में रामलला की प्रतिमा गढ़ने वाले शिल्पकार अरुण योगीराज ने ही केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा भी गढ़ी थी। यह प्रतिमा वर्ष 2021 में केदारनाथ स्थित आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल पर स्थापित की गई। तब पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनर्निमित समाधि स्थल का उद्घाटन और प्रतिमा का का अनावरण किया था। विदित हो कि आदि शंकराचार्य की समाधि वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी की भेंट चढ़ गई थी, जिसका प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण किया गया।
अयोध्या में रामलला की प्रतिमा को आकार देने वाले शिल्पी अरुण योगीराज ने ही पिता योगीराज शिल्पी के सहयोग से केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा का निर्माण किया। इसके लिए उन्होंने मैसूर में एचडी कोटे से काले ग्रेनाइट के पत्थर का चयन किया। प्रतिमा मैसूर में ही तैयार की गई और फिर उसे वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर से पहले गौचर और फिर केदारनाथ पहुंचाया गया।
विदित हो कि केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे जमीन में छह मीटर की खोदाई कर तैयार की गई आदि शंकराचार्य क समाधि के मध्य भाग में यह प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिमा की चमक बरकरार रखने के लिए इसकी नारियल पानी से पालिश की जाती है। प्रतिमा बनाने का कार्य अरुण योगीराज ने सितंबर 2020 में शुरू किया था। अरुण योगीराज को मूर्तिकला विरासत में मिली है। वह अपने परिवार में पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं।