देहरादून: राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआइइपीवीडी) में दृष्टि दिव्यांग से दुष्कर्म व अन्य के साथ छेड़छाड़ के मामले में न्यायालय अपर जिला एवं सेशन जज (एफटीएससी/पोक्सो) पंकज तोमर की अदालत ने शिक्षक व प्राचार्य को दोषी पाते हुए शिक्षक को 20 वर्ष कैद और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि प्राचार्य अनुसुया शर्मा को छह माह की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
राजपुर रोड स्थित एनआइइपीवीडी (पूर्व में एनआइवीएच) में नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप के बाद 18 अगस्त 2018 को जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से राजपुर थाने में शिक्षक सुचित नारंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद काफी समय तक फरार रहे सुचित ने उच्च न्यायालय से जमानत नहीं मिलने पर 25 सितंबर 2018 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने जांच में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए तो सामने आया कि उसने मुकदमा दर्ज होने से करीब छह महीने पहले संस्थान की प्राचार्य और उप प्राचार्य से भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।