ये कैसा नियम, बिना विश्राम बस दौड़ा रहे चालक, दो और बस दुर्घनाग्रस्त, दो दिन में दिल्ली से लौटते हुए चौथी बस हुई दुर्घटना का शिकार
देहरादून: बिना विश्राम दिल्ली मार्ग पर बस दौड़ा रहे उत्तराखंड परिवहन निगम के चालकों को आ रही नींद के कारण शुक्रवार रात दो और बस दुर्घटना का शिकार हो गई। दो दिन में यह लगातार चौथी बस दुर्घटना है, जो दिल्ली से लौटते हुए हुई है। इस बार देहरादून ग्रामीण डिपो की सीएनजी बस दून-सहारनपुर के बीच बिहारीगढ़ में खड़े ट्रक में जा घुसी।
दुर्घटना रात करीब नौ बजे देहरादून से 35 किमी पहले हुई। इसमें चालक-परिचालक को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि आगे वाली सीटों पर बैठे आधा दर्जन यात्रियों को भी मामूली चोटें आईं। परिवहन निगम कर्मचारी संगठनों ने दिल्ली सरकार के हालिया आदेश को दुर्घटना का जिम्मेदार बताया है, जिसमें दिल्ली आइएसबीटी में बसों के प्रवेश से निकास तक की समय-सीमा 25 मिनट निर्धारित की गई है। आरोप है कि इस कारण लंबी दूरी के चालकों को विश्राम नहीं मिल रहा और वह लगातार बस संचालन कर रहे। जिस कारण उन्हें लौटते हुए नींद की झपकी आ रही।
बता दें कि बुधवार देर रात दिल्ली से लौट रही देहरादून ग्रामीण डिपो की सीएनजी बस मेरठ बाईपास पर और हरिद्वार डिपो की सीएनजी बस दौराला में खड़े ट्रक में पीछे से जा घुसी थी। इन दोनों दुर्घटना के बाद से ही कर्मचारी संगठनों ने राज्य सरकार व परिवहन निगम प्रबंधन से दिल्ली सरकार के आदेश के विरोध में केंद्र सरकार से वार्ता करने की मांग उठानी शुरू कर दी थी। इससे पहले कि सरकार और निगम प्रबंधन कोई कदम उठा पाते, शुक्रवार रात एक बस और दुर्घटना का शिकार हो गई।
ग्रामीण डिपो की यह सीएनजी बस (यूके07-पीए-5198) शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे देहरादून आइएसबीटी से दिल्ली के लिए निकली थी। दोपहर ढाई बजे बस दिल्ली कश्मीरी गेट आइएसबीटी पहुंची और तीन बजे वापिस देहरादून के लिए रवाना हो गई। बस में 48 यात्री सवार थे। रात 10 बजे बस को देहरादून पहुंचना था, लेकिन इससे एक घन्टे पहले यह बस बिहारीगढ़ में खड़े ट्रक में जा घुसी। बस दुर्घटना का कारण चालक को नींद की झपकी आना बताया जा रहा। बस पर अनुबंधित चालक जितेंद्र कुमार व नियमित महिला परिचालक उमा देवी नियुक्त थे। दुर्घटना में दोनों को गंभीर चोटें आई हैं और उनका स्थानीय अस्पताल में उपचार किया जा रहा।
वहीं, मामूली रूप से घायल आधा दर्जन यात्रियों को मौके पर ही उपचार दिया गया। बस के यात्रियों को पीछे से आ रही निगम की दूसरी बसों में शिफ्ट किया गया। लगातार हो रही बस दुर्घटना को लेकर परिवहन निगम कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने सरकार से इस मामले में शीघ्र उचित कदम उठाने की मांग की है।
यह है दिल्ली सरकार का आदेश
दिल्ली सरकार ने कश्मीरी गेट, आनंद विहार व सराय काले खां आइएसबीटी में बसों के प्रवेश व निकास के लिए पिछले दिनों कुल 25 मिनट का समय निर्धारित कर दिया है। ऐसे में लंबी दूरी के चालक 550 किमी से भी अधिक लगातार बस संचालन कर रहे हैं। परिवहन निगम के कर्मचारी पहले ही दिन से इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान परिवहन निगम ने दिल्ली सरकार को पत्र भेजकर इस आदेश पर आपत्ति भी जता दी है। परिवहन निगमों का कहना है कि दिल्ली आने वाली लंबी दूरी के बस चालकों को कुछ देर विश्राम आवश्यक है, लेकिन नई व्यवस्था में चालक को एक मिनट का भी आराम नहीं मिल रहा। इससे दुर्घटना होने का अंदेशा जताया गया था और दो दिन में ही दिल्ली से लौट रही उत्तराखंड परिवहन निगम की तीन बसें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं।
कर्मचारी संगठन नाराज, दिल्ली सरकार पर लगाया आरोप
दो दिन में लगातार तीन बस दुर्घटना को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने दिल्ली सरकार के आइएसबीटी से जुड़े 25 मिनट के आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने दुर्घटना के लिए दिल्ली सरकार के आदेश को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि चालक को विश्राम नहीं मिलेगा तो उसे मार्ग पर नींद आएगी और इससे दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहेगा। उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री रविनंदन ने राज्य सरकार व परिवहन निगम प्रबंधन से इस मामले में दिल्ली सरकार से बात करने की मांग की है।
एक चालक को आठ घन्टे विश्राम का नियम
केंद्र सरकार की ओर से मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियम में एक बस चालक लगातार 250 किमी या आठ घन्टे एव बस संचालन करता है तो उसे अगले आठ घन्टे विश्राम देने का प्रविधान है। दिल्ली मार्ग पर परिवहन निगम की बसों में एक ही चालक ड्यूटी पर जाता है। ऐसे में वह एक तरफ करीब 275 किमी बस संचालन करता है। पहले दिल्ली आइएसबीटी पर चालक को एक से दो घन्टे विश्राम मिल जाता था, जिसमें वह बस में सो जाते थे, लेकिन दिल्ली सरकार के नए आदेश के बाद चालक को एक मिनट का भी विश्राम दिल्ली आइएसबीटी पर नहीं मिल रहा। उन्हें 25 मिनट के भीतर ही बस आइएसबीटी के भीतर ले जाने से लेकर यात्री बैठाने और बाहर लानी पड़ रही।
अनुबंधित बसें हो रही शिकार
चालकों को विश्राम न मिलने के कारण अब तक जितनी भी बसें दुर्घटनाग्रस्त हुई हैं, वह सभी अनुबंधित सीएनजी बसें हैं। दरअसल, इन बसों पर चालक बस आपरेटरों की ओर से रखा जाता है। यह चालक परिवहन निगम के नियमित चालकों की अपेक्षा ज्यादा अनुभवी नहीं होते।
शासन ने आरटीओ को सौंपी जिम्मेदारी
दिल्ली सरकार के परिवहन अधिकारियों से इस संबंध में प्रारंभिक वार्ता करने की जिम्मेदारी शासन ने देहरादून के आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी को सौंपी है। आरटीओ को दिल्ली सरकार के आदेश का अध्ययन करने और उसके बाद उचित कदम उठाने को कहा गया है। वहीं, परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) सीपी कपूर ने बताया कि अन्य राज्यों के परिवहन निगम के अधिकारियों से इस सम्बंध में कार्रवाई को लेकर सम्पर्क किया जा रहा है।