उत्तराखंडक्राइम

बिंदी और लिपिस्टिक लगाकर एयर ट्रैफिक कंट्रोल के असिस्टेंट मैनेजर ने की आत्महत्या, नहीं मिला सुसाइड नोट

पंतनगर : एयरपोर्ट में तैनात असिस्टेंट मैनेजर एयर ट्रैफिक कंट्रोल(एटीसी) ने माथे पर बिंदी और होठों पर लिपिस्टिक लगा स्त्री का वेश धरकर फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। अजीबोगरीब तरीके से की गई आत्महत्या के कारण जानने को पुलिस ने मोबाइल कब्जे में लिया है। सूचना पर पिथौरागढ़ से पहुंचे स्वजन शाम को शव अपने साथ ले गए।

पिथौरागढ़ के ग्राम कांडा निवासी 35 वर्षीय आशीष चौसाली पंतनगर एयरपोर्ट में असिस्टेंट मैनेजर एटीसी के पद पर तैनात थे। वह एयरपोर्ट परिसर में ही मिले आवास में रहते थे। बताया जा रहा है कि रविवार रात को आशीष ने अपने रिश्तेदार और दोस्त के साथ खाना खाया और अपने कमरे में सोने के लिए चले गए।

सोमवार सुबह नौ बजे तक जब वह नहीं उठे तो दोस्त ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब न मिलने पर आवाज दी और फोन भी मिलाया। आसपास के लोग एकत्र हो गए और दरवाजा धक्का देकर खोला गया तो भीतर आशीष चादर का फंदा बनाकर पंखे से लटके मिले। उन्होंने विवाहित स्त्री की तरह माथे पर बिंदी और होंठों पर लिपिस्टिक लगाई थी। यह देख सभी लोग सन्न रह गए।

सूचना पर एयरपोर्ट अधिकारियों के साथ ही पुलिस भी पहुंच गई। एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि मृतक के पास से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है। मोबाइल जांच के लिए कब्जे में लिया है। आशीष की पत्नी आशा केंद्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ में शिक्षिका है और उनकी एक ढाई साल की पुत्री भी है।

नहीं थे चोट के कोई निशान

आशीष का शव जिस कमरे में फंदे से लटका मिला था, उसका दरवाजा हल्का धक्का देने पर ही खुल गया था। पुलिस की मानें तो आशीष के गले या शरीर में चोट के निशान नहीं थे। हालांकि हल्के धक्के में ही दरवाजा खुल जाना सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस प्राथमिक जांच के बाद मामले को हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या ही मान रही है। फोरेंसिक टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। अब मोबाइल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिससे कुछ राज सामने आ सकते हैं।

मिलनसार थे आशीष

सहकर्मियों का कहना है कि आशीष बहुत मिलनसार थे। लोगों से खुशदिली से मिलना सबसे अच्छे से बात करना उनका स्वभाव था। हमेशा अपने काम के प्रति इमानदार रहे थे। किसी को उम्मीद नही थी कि वह इतना बड़ा कदम उठा सकते हैं।

 

आत्महत्या के तरीके से लगता है कि वह लंबे समय से हाई लेबल डिप्रेशन में और पर्सनाल्टी डिसआर्डर के शिकार थे। इसमें उनके मन में कोई व्यक्तित्व रहा होगा, जिसे वह पसंद करते होंगे। इसलिए आत्महत्या से पहले उसी रूप में जाने का विचार किया होगा। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के मन में एक ही विचार बार-बार आता है और वह उस स्थिति से निकल नहीं पाता है।
डा.रंजीता जौहरी, मनोविज्ञानी

मामला हत्या का नहीं बल्कि आत्महत्या का है। आत्महत्या किस परिस्थिति में की गई है और क्यों की, इसकी पुलिस टीम जांच कर रही है।
– मंजूनाथ टीसी, एसएसपी, ऊधम सिंह नगर

चैलेंज गेम तो नहीं बनी आत्महत्या की वजह

रुद्रपुर: आनलाइन विदेशी गेम ब्लू व्हेल और मोमो चैलेंज एक समय पर लोगों के लिए जानलेवा बन गए थे। हालांकि बाद में इन एप को बंद कर दिया था, लेकिन इनकी तर्ज पर ही कई आनलाइन गेम अभी भी चल रहे है। जिसमें गेम खेलने वाले को अलग-अलग टास्क दिया जाता है। ऐसा न करने पर उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता है। जिसके चलते कई बार टास्क पूरा करने के लिए लोग अपनी जान भी दे देते है। आशीष चौसाली के लड़की का वेश धरकर आत्महत्या भी कहीं इस तरह के चैलेंज गेम की वजह से तो नहीं हुई। इसकी जांच के लिए पुलिस उनके मोबाइल कब्जे में लेकर डेटा खंगालना शुरू कर दिया है।

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