अल्मोड़ा : जागेश्वर धाम में ज्योतिर्लिंग महादेव आज यानी मकर संक्रांति से एक माह के लिए घी की गुफा (घृत कमल) के भीतर तपस्यारत रहेंगे। एक माह के बाद भगवान शिव घी की गुफा से बाहर आएंगे। लगभग 108 किलो घी से घृत कमल तैयार किया गया है। मंदिर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे।
जागेश्वरधाम में प्राचीन परंपरा व मान्यताओं के अनुसार भगवान भोले शंकर प्रतिवर्ष माघ के पवित्र माह में ध्यानमग्न रहते हैं। इसी मान्यता के अनुसार ज्योतिर्लिंग नागेश महादेव भी माघ माह में साधना में लीन हो जाते हैं। इसके लिए जागेश्वर मंदिर समिति और भक्तों की ओर से कई तरह की व्यवस्था की जाती है।
इस बार करीब 108 किलो घी से घृत कमल तैयार किया गया। विधिवत तरीके से घी के शुद्ध करने के बाद वेदमंत्रों के पाठ के साथ ही भगवान शिव को घृत कमल से ढक दिया जाएगा। गाय के घी से तैयार गुफा में पूरी विधि विधान के साथ भोलेनाथ को प्रवेश करवाया जाएगा। फाल्गुन एक गते को पुन: भोलेनाथ को गुफा से बाहर निकाल कर श्रद्धालुओं के दर्शन कराए जाएंगे। गुफा रूपी यह शिवलिंग प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
जागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित हेमंत भट्ट ने बताया कि जागेश्वर धाम में भगवान शिव को घृतकमल में विराजमान किया जाएगा। अब एक माह तक भगवान घी की गुफा में तस्यारत रहेंगे।