
झारखंड के मंत्री का बेटा बना चपरासी, कहा- राजनीति में नहीं है रुचि, कहा, नौकरी पाकर खुश हूं
चतरा : झारखंड के श्रम, नियोजन एवं कौशल विकास मंत्री तथा राजद नेता सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता की चतरा के व्यवहार न्यायालय में चतुर्थवर्गीय कर्मी (चपरासी) के पद पर नियुक्ति हुई है। मंत्री का भतीजा रामदेव भोक्ता भी इस नियुक्ति में वेटिंग लिस्ट में हैं। मंत्री के पुत्र मुकेश यह नौकरी पाकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि मेरी राजनीति में रुचि नहीं है। इसलिए पिता की तरह राजनेता बनने के बजाय सरकारी नौकरी का चुनाव किया। उन्होंने कहा कि सभी को अपना रोजगार चुनने की स्वतंत्रता है।
मेरा चयन चपरासी के पद पर हुआ है और मैं यह नौकरी ज्वाइन करूंगा। कोई भी पद छोटा या बड़ा नहीं होता है। मैं अपना काम मेहनत और ईमानदारी से करने पर विश्वास करता हूं। आम तौर पर नेता, मंत्री और अफसर के बेटे भी अपने पिता की राह पर चलकर उनका उत्तराधिकार संभालते हैं, लेकिन कोई जरूरी नहीं कि सभी ऐसा करें। मेरे एक भाई राजनीति में हैं। पत्नी भी राजनीति में सक्रिय है, लेकिन मुझे नौकरी करना अच्छा लगता है।
अंतरजातीय विवाह को लेकर भी चर्चा में आए थे मुकेश :
मंत्री सत्यानंद भोक्ता के चार बेटे हैं। इनमें बड़े बेटे विनोद भोक्ता राजनीति से जुड़े हैं, जबकि दूसरे बेटे वीरेंद्र भोक्ता व्यवसाय करते हैं। तीसरे नंबर पर मुकेश हैं। वहीं, सबसे छोटे बेटे सिकंदर भोक्ता अभी पढ़ाई कर रहे हैं। मुकेश ने पिछले वर्ष अंतरजातीय विवाह किया है। मंत्री के समाज के लोगों ने इसका विरोध किया था।
दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में भोक्ता जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया था। चतरा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। राजद नेता और मंत्री सत्यानंद भोक्ता इसी सीट से चुनाव जीतकर विधायक और मंत्री बने हैं। मुकेश ने आदिवासी से विवाह किया है। इसके बाद आरोप लगे कि सत्यानंद भोक्ता ने सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए बेटे की शादी आदिवासी लड़की से करा दी है। मुकेश की पत्नी और मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू अब राजद ज्वाइन कर सक्रिय राजनीति में शामिल हो चुकी हैं।
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