दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के विरोध में उतरे तीर्थ पुरोहित, केदारनाथ में भी प्रदर्शन
रुद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति का शिलान्यास किए जाने के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने शुक्रवार को ऊखीमठ के बाद शनिवार को केदारनाथ धाम परिसर में भी प्रदर्शन किया। इस मौके पर हुई बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी कि हिंदू परंपराओं के साथ इस तरह की छेड़छाड़ को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित ऊखीमठ बाजार में एकत्र हुए और मंदिर की प्रतिकृति के शिलान्यास के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ धाम से शिला ले जाकर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण कराया जाना करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।
मुख्यमंत्री को इसके शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था। सामाजिक कार्यकर्ता एवं सरपंच पवन राणा ने कहा कि केदारघाटी के लोगों में दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण को लेकर आक्रोश है, वहीं मुख्यमंत्री धामी भी क्षेत्रीय स्तर की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर गढ़वाल क्षेत्र के साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया।
साथ ही कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता करके हजारों तीर्थ यात्रियों को कुमाऊं के धामों में भेजा गया। इससे केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली।
उन्होंने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के लोगों के रोजगार को लेकर सरकार ने कोई भी ठोस प्रयास नहीं किए। जो रोजगार केदारनाथ धाम की वजह से मिल भी रहा है, उसे भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर चेतावनी दी गई कि यदि सरकार का यही रवैया रहा तो केदारनाथ धाम के साथ ही पूरी केदारघाटी में आंदोलन किया जाएगा।