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देहरादून: चारधाम में प्रथम यमुनोत्री धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों को वर्ष 2027 तक मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली से रोप-वे की सुविधा मिलने लगेगी। इसके बाद तीर्थयात्री महज 20 मिनट में खरसाली से यमुनोत्री धाम पहुंच जाएंगे। अभी एक सामान्य व्यक्ति को भी खरसाली से यमुनोत्री पहुंचने में दो घंटे का समय लग जाता है। रोपवे का खाका तैयार होने के बाद इसी वर्ष नवंबर तक उस पर कार्य शुरू हो जाएगा।
हर साल लाखों तीर्थयात्री यमुनोत्री दर्शन को पहुंचते हैं। इसके लिए खरसाली से आगे छह किमी की खड़ी चढ़ाई उन्हें पैदल तय करनी पड़ती है। यह यात्रा बेहद थकाने वाली और जोखिमभरी है। इसी को देखते हुए पर्यटन विकास बोर्ड ने वर्ष 2023 में यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे निर्माण को कवायद शुरू की। इसके तहत एसआरएम इंजीनियरिंग एंड एफआइएल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया गया। 166.82 करोड़ की लागत से बनने वाले इस रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टेयर भूमि पर और अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर यमुनोत्री में बनाया जाएगा। 3.38 किमी लंबा यह रोपवे मोनोकेबल डिटेचेबल होगा।
इसका निर्माण यूरोपीय मानकों के अनुसार फ्रांस और स्विट्जरलैंड की तर्ज पर किया जाएगा। इसके जरिये खरसाली से प्रति घंटे लगभग 500 तीर्थयात्री यमुनोत्री पहुंच सकेंगे। इसके एक कोच की क्षमता आठ तीर्थ यात्रियों को ले जाने की होगी। वहीं, खरसाली में पर्यटकों को वाहन पार्किंग, कैफे और शौचालय की सुविधा उपलब्ध होगी।
खरसाली-यमुनोत्री रोपवे के डेवलपमेंट फेज का कार्य चल रहा है। नवंबर से खरसाली में लोअर टर्मिनल स्टेशन का निर्माण शुरू हो जाएगा। लगभग तीन साल में निर्माण पूरा होने के बाद रोपवे संचालित होने लगेगा।
– दीपक खंडूड़ी, अवस्थापना निदेशक, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद