गाड़ी पर झंडा लगाना कहीं पड़ न जाए भारी! हो सकती जेल, इन बातों का रखें खास ध्यान
देहरादून: साल 2004 में लोगों को घर पर तिरंगा फेहराने की इजाजत दी गई थी इससे पहले लोग घरों में तिरंगा नहीं फहरा सकते थे। इतना ही नहीं पहले तो रात में भी फ्लैग नहीं फहरा सकते थे आपको बता दें अब रात में भी आप तिरंगा लहरा सकते हैं साल 2009 से पहले कोई भी रात में झंडा नहीं फहराना था।
15 अगस्त यानी इंडिपेंडेंस डे को आने में बस कुछ ही दिन रह गए हैं । इस दौरान लोग आजादी के जश्न को बनाने के चक्कर में गाड़ियों पर झंडा लगाना शुरू कर देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है आपका यह शौक आपको जेल भी पहुंचा सकता है। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको विस्तार से इसके बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपने अपनी कार पर तिरंगा लगने के लिए खरीद लिया है तो आज ही सावधान हो जाए क्योंकि इसके कारण आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। चलिए आपको इंडियन फ्लैग कोड के बारे में बताते हैं।
इंडियन फ्लैग कोड के मुताबिक झंडा लगाने का अधिकार सिर्फ कुछ ही स्पेशल लोगों को है। अगर आप उनमें से एक नहीं है तो आपकी गाड़ी पर लगा तिरंगा आपको परेशानी में डाल सकता है और जेल भी हो सकती है। दरअसल नेशनल फ्लैग फहराने को लेकर 21 साल पहले यानी साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड बनाया गया था। आपको आसान भाषा में समझाया तो झंडा फहराने को लेकर भी कुछ स्पेशल रूल्स बनाए गए हैं। इन रूल्स में से एक है गाड़ियों पर झंडा कौन लगा सकता है और इसके लिए कौन सा स्पेशल अधिकार होना चाहिए
इन गाड़ियों पर लग सकता है फ्लैग
आपकी जानकारी के लिए बता दें, की फ्लैग लगाने का अधिकार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, कैबिनेट राज्यमंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर (लोकसभा-राज्यसभा), गवर्नर, लेफ्टिनेंट गवर्नर, मुख्यमंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर (विधानसभा-विधानपरिषद), चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट को ही है। इसके अलावा और किसी गाड़ी पर फ्लैग लगा दिखा तो पुलिस चालान भी काट सकती है। इसके साथ ही आपको जेल भी हो सकती है।
कब हुए बदलाव
आपको बता दें, साल 2004 में लोगों को घर पर तिरंगा फेहराने की इजाजत दी गई थी इससे पहले लोग घरों में तिरंगा नहीं फहरा सकते थे। इतना ही नहीं पहले तो रात में भी फ्लैग नहीं फहरा सकते थे आपको बता दें अब रात में भी आप तिरंगा लहरा सकते हैं साल 2009 से पहले कोई भी रात में झंडा नहीं फहराना था क्योंकि इजाजत ही नहीं थी साल 2009 में गृह मंत्रालय ने कुछ कंडीशंस के साथ रात में तिरंगा फहराने की इजाजत दी। इसमें सबसे पहली कंडीशन ये रखी गई की रात को भी उतनी रौशनी का इंतजाम किया जाए कि वो रात ना लगे।