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Republic Day: देहरादून में छपी थी संविधान की पहली कॉपी, बाबा साहेब नहीं इन्होंने लिखी थी पहली प्रति

देहरादून: भारतवासी आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहे है। देश के कई विभिन्न इलाकों में ‘गणतंत्र अमर रहे’ की गूंज है। यह बात तो कई लोग जानते हैं कि 26 जनवरी, सन 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि संविधान की पहली कॉपी कहां छपी थी?

जिस संविधान पर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र टिका हुआ है, उसकी पहली कॉपी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सर्वे ऑफ इंडिया की प्रेस में छापी गई थी। तब संविधान की एक हजार प्रतियां छापी गई थीं, जिनमें से एक कॉपी आज भी सर्वे ऑफ इंडिया के म्यूजियम में रखी हुई है।

हाथ से लिखा गया था संविधान

संविधान को टाइप नहीं किया गया था, बल्कि पहली मूल प्रति हाथ से लिखी गई थी। हाथ से लिखी गई मूल प्रति आज भी नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में सुरक्षित है। संविधान को लिखने के दौरान 303 निब, 354 इंक की बोतलें लगीं थीं। संविधान को लिखने में छह माह का समय लगा था।

अगर आपसे सवाल किया जाए कि संविधान किसने लिखा था? ज्यादा चांस हैं- आपका जवाब होगा कि डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर ने संविधान लिखा था, लेकिन इस जवाब में थोड़ा सुधार की आवश्यकता है।

प्रेम बिहारी ने लिखा था संविधान

डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर मसौदा समिति के प्रमुख थे। उनकी देखरेख में संविधान को तैयार किया गाया था, लेकिन इसकी मूल प्रति को जिस शख्स ने अपने हाथों से सजाया था, उनका नाम प्रेम बिहारी नारायण रायजादा था। प्रेम बिहारी ने संविधान को लिखते हुए एक भी गलती नहीं की थी।

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