विदेश में नौकरी के नाम पर थाईलैंड में बेचे सात युवा, चंपावत पुलिस ने गिरोह के सरगना को गुजरात के पोरबंदर से गिरफ्तार
चंपावत: विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को थाईलैंड में बेचने वाले गुजरात के पोरबंदर निवासी अभियुक्त को पुलिस ने उसके मूल निवास से गिरफ्तार किया है। खटीमा निवासी उसका साथी दुबई भागने में सफल रहा है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि गिरोह ने चंपावत, ऊधम सिंह नगर व देहरादून निवासी सात युवाओं को 10,000 थाई भाट (लगभग 25 हजार भारतीय रुपये) प्रति व्यक्ति की दर से बेच दिया था।
चंपावत जिले के बनबसा निवासी राजेंद्र सौन ने 10 जुलाई को बनबसा थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसका पुत्र ललित अपने दोस्त विकास व कमलेश और खटीमा निवासी तीन युवकों के साथ रोजगार की तलाश में दिल्ली गए थे। जहां से सभी थाईलैंड की राजधानी बैंकाक निकल गए। जिसके बाद से स्वजन का युवाओं से संपर्क नहीं हुआ।
सोमवार को एसपी अजय गणपति ने प्रकरण का पर्दाफाश करते हुए बताया कि खटीमा निवासी राहुल उपाध्याय ने गुजरात निवासी जय जोशी वास्तविक नाम जयदीप रामजी टोकड़िया के साथ मिलकर उत्तराखंड के सात युवाओं को ठगा। युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बैंकाक बुलाकर विदेशी गिरोह को बेच दिया। गिरोह के सदस्य सभी को म्यांमार में गोपनीय स्थान पर ले गए। जहां बंधक बनाकर युवाओं से आनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया।
मना करने पर प्रताड़ना की गई। वापस भारत भेजने के बदले युवाओं से भारी धनराशि वसूली गई। युवाओं ने किसी का फोन हाथ लगने पर इसकी शिकायत स्वजन से की थी। विदेश मंत्रालय के माध्यम से थाईलैंड व म्यांमार में भारतीय दूतावास से संपर्क कर दो-तीन सप्ताह पहले युवाओं की भारत वापसी कराई। पूछताछ के बाद गिरोह का पता चलेगा।
एसपी गणपति ने बताया कि प्रकरण में संलिप्त 30 वर्षीय जयदीप रामजी टोकड़िया उर्फ जय जोशी निवासी ग्राम टुकड़ा, थाना वनी बंदर, जिला पोरबंदर को बनबसा पुलिस व एसजोअी ने 13 सितंबर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया उसका साथी राहुल उपाध्याय निवासी आवास विकास, खटीमा दुबई भागा है।
गिरोह ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं को निशाना बनाया। विश्वास में लेने के लिए आनलाइन माध्यम से साक्षात्कार लिया। इस प्रकरण में अभियुक्त जयदीप के विरुद्ध बनबसा, खटीमा, रायवाला थाने में बंधक बनाने, गंभीर चोट पहुंचाने, इच्छा के विरुद्ध कार्य करने को विवश करने की धाराओं में अभियोग पंजीकृत है। 2016 में पोरबंदर में जुआ अधिनियम में प्राथमिकी हुई थी।