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कानूनी लड़ाई के बाद राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर खेल विभाग का कब्जा, मिली बड़ी सफलता

देहरादून: सरकार ने 350 करोड़ रुपये की लागत से बने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को इसके संचालन के लिए दी गई फर्म से खाली करा लिया है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के निर्देशों एवं खेल विभाग के साथ अनुबंध की शर्तों को पूरा न करने पर सरकार की ओर से यह कार्रवाई की गई है।

खेल मंत्री के मुताबिक, स्टेडियम के संचालन के लिए पांच साल पहले फर्म में देहरादून इंटीग्रेटेड अरीना लि. को अधिकृत किया गया था, लेकिन फर्म ने खेल विभाग के साथ अनुबंध में की गई शर्तों को पूरा नहीं किया। फर्म ने विभाग को न तो 12 करोड़ की बैंक गारंटी दी न ही 2.8 एकड़ भूमि को खेल सुविधाओं के लिए विकसित किया।इसके अलावा अनुबंध में की गई कुछ अन्य शर्तों को भी पूरा नहीं किया, जिस पर स्टेडियम को खाली कराकर राज्य सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया है।

मंत्री ने कहा, इससे राज्य में खेल परिसंपत्तियों के संरक्षण एवं आगामी राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री धामी ने भी खेल अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

अनुबंधी शर्तों के अनुरूप एस्क्रो खाता खोला

स्टेडियम को निविदा के आधार पर मेसर्स आईटीयूएएल को दिया गया था, जिसने देहरादून इंटीग्रेटेड अरीना कंपनी को निर्मित कर राज्य सरकार के साथ मई, 2018 में अनुबंध किया था। कोविड काल में कंपनी ने स्टेडियम के संचालन के लिए प्रर्याप्त वित्तीय संसाधन के अभाव में दिवालिया घोषित करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में वाद दायर किया था।

एनसीएलटी ने इसके लिए अंशुल पठानिया को आईआरपी नियुक्ति किया था। नवंबर 23 में एनसीएलटी ने मेसर्स ट्राइवर इंटरप्राइजेज के रिजोल्यूश प्लान को स्वीकार करते हुए आदेश जारी किया था, लेकिन फर्म ने न नई संचालन एजेंसी के रूप में राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त किया और न ही मूल अनुबंधी शर्तों के अनुरूप एस्क्रो खाता खोला।

एनसीएलटी के निर्णय के बाद अरीना लिमिटेड को अनुबंध के नियमों के पालन के लिए 12 दिसंबर 2023 को अनुबंध की शर्तों के अनुसार नोटिस दिया गया था। जिसका उसने संज्ञान नहीं लिया।एक संस्था की ओर से संबंधित फर्म के खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। संस्था ने किसी कार्यक्रम के लिए स्टेडियम की बुकिंग कराई थी, लेकिन उसे स्टेडियम नहीं मिल पाया था। इस पर पीड़ित संंस्थान ने मुकदमा कराया था।

राज्य एवं परिसंपत्ति के संरक्षण हित में 13 फरवरी को फर्म को नोटिस जारी कर संपत्ति खाली करने के निर्देश दिए थे। जिस पर फर्म की ओर 17 फरवरी 2024 को स्टेडियम परिसर खाली कर दिया गया है।

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