रामपुर तिराहा कांड की दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज
देहरादून : रामपुर तिराहा कांड की दुष्कर्म पीड़िता मंगलवार को कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराने के लिए पहुंची। कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने कड़ी पुलिस सुरक्षा में पीड़िता को पेश किया। कोर्ट परिसर में भी भारी पुलिस बल तैनात रहा। घटना के लगभग 29 साल बाद पहली बार पीड़िता ने कोर्ट में पेश होकर अभियोजन के आरोपों का समर्थन करते हुए बयान दर्ज कराए। अब मामले में दो अगस्त की तारीख लगाई गई है।
दो अक्टूबर 1994 को पृथक राज्य गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया था। रात के समय आंदोलन उग्र होने पर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई। पुलिस पर कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे थे। सीबीआई ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। एडीजीसी राजीव शर्मा और परविंदर सिंह ने बताया कि मंगलवार को सरकार बनाम मिलाप सिंह आदि केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-7 शक्ति सिंह की कोर्ट में हुई।
सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से न्यायालय में मुकदमे की पीड़िता को भारी पुलिस सुरक्षा में लाकर गवाही के लिए पेश किया गया। एडीजीसी परविंदर सिंह ने बताया कि पीड़िता ने गवाही देने को लेकर अपनी जान पर खतरा बताया है। इसी के मद्देनजर न्यायाधीश ने न्यायालय में सीबीआइ के अधिवक्ता धारा सिंह मीणा, एडीजीसी राजीव शर्मा और एडीजीसी परविंदर सिंह के अतिरिक्त अन्य का प्रवेश निषेध रखा। इसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज किए गए। पीड़िता ने अभियोजन के आरोपों का समर्थन किया। गवाही के बाद पीड़िता की मांग पर अतिरिक्त सुरक्षा देकर पुलिस एस्कार्ट के साथ रवाना किया गया।