अजब-गजब: जिसे मरा समझ कर दिया अंतिम संस्कार, वह पांचवें दिन मिला जिंदा
खटीमा (ऊधम सिंह नगर): श्रीपुर बिचुवा गांव में स्वजन ने जिस बेटे को मरा समझकर अंतिम संस्कार भी कर दिया था वह पांचवें दिन जिंदा मिला। इससे स्वजन में खुशी के साथ हैरत की स्थिति भी बन गई। पुलिस को सूचना देकर वह बेटे को रुद्रपुर से घर ले आए।
श्रीपुर बिचुवा निवासी धर्मानंद भट्ट का पुत्र नवीन भट्ट करीब एक-डेढ़ साल से परिवार से अलग रहता था। उसकी पत्नी बच्चों के साथ लखनऊ में रहती है। नवीन भी रुद्रपुर में होटल चलाने वाले भाई केशव दत्त के पास चला आया था। काफी दिनों से वह होटल में भी नहीं आया और स्वजन को उसका पता-ठिकाना भी मालूम नहीं था।
इधर, सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में एक अज्ञात घायल की मौत हो गई थी। पुलिस ने जेब से मिले कागजातों के आधार पर नवीन भट्ट के रूप में उसकी शिनाख्त की। इस पर 25 नवंबर को नवीन के स्वजन हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने भी शिनाख्त की और शव लेकर घर आ गए। 26 नवंबर की सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। नवीन का बेटा दीपेश व भाई केशव भी तब से अंतिम क्रियाकर्म की रस्म में बैठ गए।
श्रीपुर बिचुवा के पूर्व प्रधान रमेश महर ने बताया कि बुधवार को रुद्रपुर से केशव के परिचित ने उसे फोन किया। केशव ने बताया कि नवीन का निधन हो गया है इसलिए होटल बंद है। हैरत में पड़े परिचित ने बताया कि नवीन को तो अभी गली की तरफ जाते हुए देखा है।
केशव को भरोसा नहीं हुआ तो उन्होंने वीडियो काल कर नवीन को दिखा भी दिया। इस पर स्वजन नवीन को लेने रुद्रपुर रवाना हुए और देर शाम उसे घर लेकर आए। इधर, मामले में अब सवाल खड़ा हो गया है कि बेटा समझकर स्वजन ने जिसका अंतिम संस्कार किया, आखिर वह कौन था। नवीन का नाम-पता लिखा पहचान पत्र उसके पास कैसे पहुंचा। पुलिस ने अब इसकी जांच शुरू कर दी है। फिलहाल गुत्थी उलझी हुई है।