स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ होगा कम, संविदा शिक्षिकाओं को भी मिलेगा मातृत्व अवकाश का लाभ
देहरादून : प्रदेश के स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए राज्य सरकार शीघ्र दिशा-निर्देश जारी करेगी। विभागीय अधिकारी संबंधित प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र शासन को उपलब्ध कराएंगे। बस्ते के बोझ कम करने संबंधी आदेशों का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षाधिकारियों की होगी। प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में तैनात संविदा व नियत वेतनमान पर कार्यरत अस्थायी शिक्षिकाओं को भी मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने बुधवार को शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने को लेकर राज्य में संचालित विभिन्न बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें निर्णय लिया गया कि नई शिक्षा नीति-2020 व केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्य के सभी विद्यालयों में स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ घटाकर निर्धारित मानकों के अनुरूप रखा जाएगा।
इसके लिए एससीईआरटी के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए गए। शासन से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद आगामी सत्र से ही नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षाधिकारियों की होगी। बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव एमएम सेमवाल, एससीईआरटी निदेशक वंदना गर्ब्याल, प्राथमिक शिक्षा निदेशक आरके उनियाल, माध्यमिक शिक्षा प्रभारी निदेशक महावीर सिंह बिष्ट, सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक डा. रणवीर सिंह चौहान, एपीडी समग्र शिक्षा डा. मुकुल सती, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून प्रदीप रावत आदि उपस्थित रहे।
26 जनवरी से निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक
26 जनवरी 2024 तक पूरे प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों, प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों एवं अभिभावकों के साथ जिला व राज्य स्तर पर बैठकों का आयोजन कर जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. रावत ने कहा कि राज्य में आइसीएसई, सीबीएसई, उत्तराखंड बोर्ड के तहत कक्षा एक से 12वीं कक्षा तक के निजी विद्यालय संचालित की किए जा रहे हैं। जिसमें अध्ययन करने वाले बच्चों के बस्ते का बोझ उनकी क्षमता से भी कई गुना अधिक है। मद्रास हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में जारी आदेश के क्रम में राज्य सरकार पहले ही बस्ते का बोझ कम करने का आदेश जारी कर चुकी है।
निजी विद्यालयों को एकमुश्त धनराशि दी जाएगी
बैठक में नये निजी विद्यालयों को वित्तीय अनुदान के स्थान पर एकमुश्त धनराशि (टोकन मनी) देने का निर्णय लिया गया। जिसके लिए नियमावली में शीघ्र संशोधन करने के विभागीय अधिकारियों को निर्दश दिए। बैठक में एलटी एवं जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों की पदोन्नति किए जाने, एलटी, प्रवक्ता एवं बेसिक शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे, बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन व परीक्षाफल समय पर जारी करने सहित अनेक बिंदुओं पर चर्चा की गई।