श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, पूर्ण स्वरूप में आई चारधाम यात्रा
गोपेश्वर : श्री बदरीनाथ धाम के कपाट सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। मंदिर में दर्शनों के लिए लंबी लाइन लगी है । कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं को नारायण के साथ अखंड ज्योति के भी दर्शन हुए ।
कपाट खुलने को लेकर श्री बदरीनाथ मंदिर को मंदिर समिति द्वारा श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से पुष्पों से भव्य रूप से सजाया गया था।
हजारों की संख्या में तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं। दानीदाताओं के द्वारा जगह-जगह भंडारे भी आयोजित हो रहे है। बदरीनाथ में मौसम सर्द है दूर पर्वतों पर बर्फ साफ नजर आ रही है, लेकिन मंदिर के आसपास एवं सड़क की बर्फ पिघल चुकी है।
कपाट खुलने के कार्यक्रम के अनुसार तड़के चार बजे से मंदिर समिति पदाधिकारी, धर्माधिकारी वेदपाठी हक हकूक धारी मंदिर परिसर में मंदिर के द्वार पूजन को पहुंचे।प्रात:पांच बजे से रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी धर्माधिकारी राधाकृषण थपलियाल सहित वेदपाठियों ने मंदिर द्वार पूजन कर कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू की ।
ठीक छ:बजे मंदिर गर्भ गृह के द्वार खोले गए। मुख्य पुजारी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री भेष धारण कर मां लक्ष्मी जी को गर्भ गृह से मंदिर परिक्रमा स्थित अपने मंदिर में विराजमान किया ।श्री कुबेर जी बामणी गांव से आकर मंदिर परिसर से उद्धव जी के साथ ही मंदिर गर्भगृह में परंपरानुसार स्थापित किए गए। प्रात: छ बजे भगवान की चतुर्भुज मूर्ति से घृत कंबल की अलग कर अभिषेक पश्चात भगवान बदरी विशाल के दर्शन शुरू हुए।
साथ ही श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिक्रमा स्थित गणेश जी, घंटाकर्ण जी, आदि केदारेश्वर जी, आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर, श्री माता मूर्ति मंदिर तथा तपोवन सुभाई (जोशीमठ) स्थित भविष्य बदरी मंदिर के भी कपाट भी यात्रा काल हेतु दर्शनार्थ खुल गए हैं।