हल्द्वानी : उत्तराखंड के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम हुए उपद्रव के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। शुक्रवार शाम को हल्द्वानी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बनभूलपुरा के उपद्रवियों को चिह्नित कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
वहीं, डीएम वंदना ने बताया कि उपद्रवियों ने षड्यंत्र के तहत पूरी घटना को अंजाम दिया। यह पूरी घटना कानून-व्यवस्था पर हमला है। उन्होंने बताया कि मामले में 10-15 उपद्रवियों की अधिक सक्रिय भूमिका सामने आ रही है, जिन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया। 30 जनवरी को जब क्षेत्र के घर व छतों में ड्रोन से चेकिंग कराई गई थी तो पत्थर व ईंट आदि नहीं थे।
इसके बाद नगर निगम की ओर से नोटिस दिए गए तो उपद्रवियों ने साजिश के तहत छतों पर पत्थर एकत्र कर लिए। इसके बाद जब पुलिस प्रशासन और निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो हमला कर दिया। इस उपद्रव में अभी तक छह युवकों की मौत हुई है। पांच मृतकों की पहचान फईम कुरैशी, जाहिद, मो. अनस, शब्बाद व प्रकाश कुमार के रूप में हुई है। बता दें कि पुलिस प्रदेश में अलर्ट जारी कर उप्र सीमा से सटे बार्डर पर भी सघन चेकिंग कर रही है।
वहीं, शुक्रवार सुबह मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार के बाद शाम को हल्द्वानी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटनाथल का जायजा लिया और कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। उन्होंने जांच कमेटी बनाकर कार्रवाई करने की बात भी कही।
बता दें कि बनभूलपुरा वही इलाका है जहां पिछले वर्ष रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
स्थिति तनावपूर्ण, ट्रेनों का रूट भी बदला
बनभूलपुरा में शुक्रवार को भी कर्फ्यू जारी रहा। इंटरनेट सेवा, नगर के सभी स्कूल, बाजार, सरकारी व निजी संस्थान बंद रहे। स्थिति कितनी तनावपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हल्द्वानी व काठगोदाम रेलवे स्टेशन के बजाय ट्रेनों का संचालन लालकुआं से किया जा रहा है। पूरा क्षेत्र पुलिस और आइटीबीपी के हवाले रहा। पुलिस ने 19 नामजद समेत पांच हजार अज्ञात पर तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं। पांच उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
क्या है मामला
गुरुवार शाम सरकारी भूमि पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की 700 लोगों की टीम पर मुस्लिम समुदाय के करीब 10 हजार लोगों ने पथराव कर दिया था। थाने को पेट्रोल बम से जला दिया गया। इस बवाल के बाद रात में ही पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया था और उपद्रवियों का चिह्नीकरण शुरू कर दिया गया था। पुलिस ने उपद्रव, आगजनी, तोड़फोड़, हत्या का प्रयास, सरकारी संपत्ति को नुकसान व सरकारी कार्य में व्यवधान आदि गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।