रुड़की: आईआईटी रुड़की के छात्र रात को अचानक प्रदर्शन पर उतर पड़े। हाथों में तख्तियां लेकर बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि आवारा कुत्तों के आतंक ने बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है।
संस्थान में अब तक 20 से अधिक व्यक्तियों को आवारा कुत्ते काट चुके हैं। उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि आवारा कुत्तों से निजात दिलाने को लेकर संस्थान प्रबंधन से कई बार शिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी आवारा कुत्तों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
बुधवार देर रात को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के छात्रों (जिसमें अधिकांश पीएचडी कर रहे छात्र शामिल हैं) ने आजाद भवन में एकत्र होकर प्रदर्शन किया। सभी ने हाथों में विरोध स्वरूप तख्तियां पकड़ रखी थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह लगातार संस्थान प्रबंधन को लिखित एवं मौखिक रूप से आवारा कुत्तों के संबंध में जानकारी दे चुके हैं।
20 से अधिक ईमेल की जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसकी वजह से उनका निकलना मुश्किल हो गया है। यदि संस्थान ने जल्द इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया तो संस्थान की सड़कों पर उतरकर वह प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। ज्ञात हो कि रुड़की एवं आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का भारी आतंक है। दिसंबर माह में पिटबुल के हमले में रुड़की में एक महिला की मौत तक हो चुकी है। जिसमें पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
कुत्तों के हमलों को देखते हुए शहरी विकास विभाग सभी जिलों को एसओपी जारी कर उसका अनुपालन करने को भी कह चुका है। इसके बाद भी जिलों व निकायों की मशीनरी अपेक्षित कार्रवाई नहीं कर पा रही। आवारा कुत्तों के आतंक की यह स्थिति अकेले रुड़की की नहीं है। तमाम बड़े शहरों में कुत्तों का आतंक देखने को मिल रहा है।