देहरादून : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्किल इंडिया विजन को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य के 331 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विजन इंडिया सर्विसेज कंपनी सात व्यवसाय के पाठ्यक्रम को संचालित करेगी।
जिनमें एग्रीकल्चर,आटोमोटिव, ब्यूटी एंड वेलनेस, आइटी, इलेक्ट्रानिक्स एंड हार्डवेयर, टूरिज्म एंड हास्पिटेलिटी और प्लंबर शामिल हैं। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा व महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी व विजन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के इंडिया प्रमुख मोहित रस्तोगी के मध्य मंगलवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापन के बाद बंशीधर तिवारी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयी शिक्षा व कंपनी के बीच एमओयू हुआ है।
उन्होंने बताया कि समझौता ज्ञापन के अनुसार राज्य के 331 विद्यालयों में से अल्मोड़ा के 42, बागेश्वर के 14, चमोली के 23, चंपावत के 13, देहरादून के 31, पौड़ी के 18, हरिद्वार के 15, नैनीताल के 44, पिथौरागढ़ के 29, रुद्रप्रयाग के 13, टिहरी के 41, ऊधमसिंह नगर के 23 एवं उत्तरकाशी के 25 विद्यालयों में ये व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
एमओयू के दौरान समग्र शिक्षा की ओर से उप राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा,आकाश सारस्वत व प्रद्युमन सिंह रावत स्टाफ आफिसर समग्र शिक्षा बीपी मैंदोली आदि उपस्थित रहे।
दो सौ विद्यालयों में पहले से ही चल रहे व्यावसासिक कोर्स
बंशीधर तिवारी ने बताया कि 331 विद्यालयों के अतिरिक्त प्रदेश के 200 माध्यमिक विद्यालयों में पूर्व से ही व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
मंगलवार को हुए समझौता ज्ञापन के बाद ऐसे विद्यालयों की संख्या बढ़कर 531 हो गई है। उन्होंने बताया कि इन पाठ्यक्रमों के लिए चयनित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में लैब की स्थापना की जाएगी एवं नवीन शैक्षिक सत्र 2024-25 में छात्र-छात्राओं को उक्त कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा।
राज्य को कुशल मानव संसाधन होगा प्राप्त
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह व्यावसायिक कोर्स उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा एवं परीक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। इनके संचालन से छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश मिलेगा और भावी जीवन के लिए संबंधित क्षेत्र में कौशल विकसित करने का अवसर प्राप्त होगा, जिससे प्रदेश को भी कुशल मानवीय संसाधन प्राप्त होंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बच्चों में विभिन्न कौशल एवं दक्षताओं के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। इस पहल से छात्र-छात्राएं दक्षता अर्जित कर रोजगार प्राप्त करेंगे, साथ ही वे अपना स्वयं का व्यवसाय भी आरंभ कर स्वावलंबी भी बन सकते हैं।