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कीबोर्ड के F और J पर क्यों बनी रहती है छोटी लाइनें, क्या होता है इसका मकसद, सालों से टाइपिंग करने वाले भी अनजान

यदि आप लैपटाप और कंप्यूटर में काम करते हैं तो आपने देखा होगा कि कीबोर्ड के F और J पर छोटी लाइनें बनी होती हैं। क्यों बनी होती हैं ये लाइनें, क्या होता है इसका मकसद। क्या कहते हैं इसे। इन तमाम सवालों के जवाब हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे। हम आपको यह भी बताएंगे कि इन्हें क्या कहा जाता है।

देहरादून: अगर आपने लैपटॉप या कंप्यूटर के कीबोर्ड को ध्यान से देखा है तो जरूर नोटिस किया होगा कि इसके F और J पर छोटी-सी उठी हुई लाइनें बनी होती हैं. इन्हें बम्प कहा जाता है. लेकिन ये बम्प होते क्यों हैं? आज का समय ऐसा चल रहा है कि बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्हें लैपटॉप, पीसी के बारे में न पता हो. अगर कोई ऐसा है जिसने इन दोनों में से कुछ भी नहीं यूज़ किया है तो यकीनन इन्हें देखा तो होगा ही. हो सकता है कि भविष्य में हमें लैपटॉप और कंप्यूटर के इस्तेमाल के लिए कीबोर्ड का इस्तेमाल न करना पड़े, मगर अभी तक तो बिना कीबोर्ड के ये डिवाइस बेकार हैं. कीबोर्ड ही वह इनपुट मीडियम है, जिससे मुख्यत: हम हमारे लैपी को कमांड देते हैं.तकनीकी भाषा में इसे इनपुट कहा जाता है. इसी के आधार पर कंप्यूटर कैलकुलेशन करता है और रिस्पॉन्ड करता है. ऐसे में समझा जा सकता है कि कंप्यूटर में कीबोर्ड का बहुत अधिक महत्व है. पिछले कुछ सालों में टचस्क्रीन वाले लैपटॉप बाजार में आए हैं, मगर उनमें भी कीबोर्ड तो होता ही है.जब कीबोर्ड की बात हो रही है तो टाइपिंग करने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण की (Keys) होती हैं, वे हैं F और J. इन दोनों ही कीज़ पर आपने बम्प देता होगा. छोटी-छोटी उभरी हुई लाइनें. ये लाइनें क्यों बनी होती हैं, इस बारे में आम तौर पर लोग नहीं जानते. परंतु इन्हें बनाने के पीछे एक बड़ा मकसद है. क्यों नहीं बाकी सभी कीज़ (keys) पर भी ऐसे ही बम्प बना दिए गए? केवल F और J पर ही क्यों?

हो सकता है कि कुछ लोगों को इसके बारे में मालूम हो. मगर यदि आप नहीं जानते हैं तो आज के बाद आपको कीबोर्ड के इस रहस्य अथवा विशेषता का पता चल ही जाएगा.F और J कीबोर्ड कीज़ पर पाए जाने वाले छोटे उभार या लाइनें इसलिए दी जाती हैं ताकि कीबोर्ड को देखे बिना आपके बाएं और दाएं हाथों को पॉजीशन में लाने में मदद मिल सके. हो सकता है कि आपको F और J कीज़ पर ये उभार मामूली लगे, लेकिन ये आपकी टाइपिंग स्पीड और सटीकता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.कीबोर्ड पर बीच वाली की पंक्ति (Row) को होम रो की (Home Row Key) पोजिशन कहा जाता है. एक बार जब आप अपने बाएं और दाएं हाथ की पहली उंगलियों को F और J कीज़ पर रखते हैं, तो बाकी कीबोर्ड तक की कीज़ का एक्सेस काफी आसानी हो सकता है. अगर पहले आपने इसे नोटिस नहीं किया है तो आज करके देख सकते हैं.क्योंकि ये दोनों कीज़ बीच वाली पंक्ति में होती हैं तो आपको ऊपर वाली पंक्ति और नीचे वाली पंक्ति तक मूव करना आसान हो जाता है. काफी अधिक तेजी से टाइप करने वालों के हाथों और उंगलियों की पोजिशन को देखने पर पता चलता है कि उनकी उंगलियां बड़ी आसानी से ऊपर और नीचे वाली लाइन्स में मूव करती हैं और लौटकर बीच वाली पंक्ति पर आ जाती हैं.जब आप इन दोनों F और J पर उठी हुई keys पर अपनी उंगलियों रखेंगे तो देखेंगे कि आपका बायां हाथ A, S, D और F को कवर करता है, जबकि दायां हाथ J, K, L और कोलन (;) को कवर करता है, और दोनों अंगूठे तब स्पेस बार पर रहते हैं.ऊपर वाली पंक्ति में नीचे वाली पंक्ति के मुकाबले ज्यादा अक्षर होते हैं. इसके पीछे भी एक लॉजिक है और वो यह है कि उंगलियों को ऊपर या आगे की तरफ मूव आसान होता है, जबकि नीचे की तरफ मूव करना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है. इसलिए नीचे वाली पंक्ति में ऐसे अक्षर रखे गए हैं, जिनका इस्तेमाल कम करना पड़े. नीचे की लाइन में ज्यादा इस्तेमाल करने वाले अक्षरों को पहली उंगलियों पर ही रखा जाता है. उदाहरण के लिए लेफ्ट हैंड की पहली उंगली (अंगूठे के साथ वाली) पर नीचे की तरफ C और V को रखा गया है तो राइट हैंड की पहली उंगली पर नीचे की पंक्ति में B और N को रखा गया है.

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