उत्तराखंड

एनआइटी में बीटेक और पीएचडी की सीटें बढ़ी, बीटेक में अब 20, पीएचडी प्रोग्राम के लिए इंस्टीट्यूट फैलोशिप की 20 सीटें बढ़ाईं

श्रीनगर गढ़वाल : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में बीटेक और पीएचडी पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या में वृद्धि हो गई है। एनआइटी निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी की पहल और विशेष प्रयास से संस्थान के बोर्ड आफ गवर्नर्स ने सीटों की संख्या बढ़ाने को मंजूरी दी है। शिक्षासत्र 2024-25 से बढ़ी सीटों का लाभ मिलने लगेगा। वहीं संस्थान के कुलसचिव पद के लिए डा. हरिमौल आजाद के चयन को मंजूरी मिल चुकी है।

एनआइटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि बीटेक पाठ्यक्रम में अब 180 की जगह 200 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। पीएचडी प्रोग्राम के लिए इंस्टीट्यूट फैलोशिप के तहत सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 60 कर दी गई हैं। प्रो. अवस्थी ने कहा कि जूनियर रिसर्च फैलोशिप और स्ववित्त पोषित योजना के तहत पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। एनआइटी श्रीनगर में सीटों की संख्या बढ़ने का लाभ उत्तराखंड के छात्रों को मिलेगा।
निदेशक प्रो. अवस्थी ने बताया कि संस्थान में फैकल्टी और अधिकारियों-कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी जारी है।

संस्थान के कुलसचिव पद के लिए डा. हरिमौल आजाद का चयन हो चुका है। वर्तमान में वह गढ़वाल केंद्रीय विवि में परीक्षा नियंत्रक के पद पर कार्यरत हैं। निदेशक ने बताया कि बोर्ड आफ गवर्नर्स ने डा. हरिमौल आजाद को कुलसचिव पद के लिए चुने जाने को मंजूरी दे दी है। इसे लेकर डा. आजाद को आधिकारिक रूप से सूचना दे दी गई है।

एमएससी की कक्षाएं भी शुरू होंगी

Lएनआइटी श्रीनगर में गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान में पीजी कक्षाएं शुरू करने की मंजूरी भी बोर्ड आफ गवर्नर्स ने दे दी है। निदेशक प्रो. ललित अवस्थी ने बताया कि आगामी शिक्षासत्र से स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान विषयों में पीजी कक्षाएं शुरू होंगी। हर विषय में पीजी की 20 सीटें संचालित होंगी। प्रो. अवस्थी ने कहा कि एमएससी में प्रवेश को लेकर एनआइटी प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करेगा। सीयूईटी और जैम परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश में वरीयता दी जाएगी।

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