Ganesh Chaturthi: कब करें भगवान गणपति की प्रतिमा की स्थापना, क्या रहेगा मुहूर्त
रुड़की: इस बार तिथि के घटने-बढ़ने से भगवान गणपति की प्रतिमा की स्थापना दो दिन की जा सकेगी। सोमवार को दोपहर 12:39 मिनट पर चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी, जो 19 सितंबर को दोपहर 1:45 मिनट पर समाप्त होगी।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी, पत्थर चौथ तथा कलंक चतुर्थी आदि नाम से जाना जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की परिसर स्थित सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि इस बार गणेश चतुर्थी का संयोग दो दिन पड़ रहा है। 18 सितंबर को चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 12:39 मिनट से हो जाएगा। 19 सितंबर को दोपहर 1:45 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी।
ऐसे में चंद्रोदय व्यापिनी और रात्रि व्यापिनी तिथि के अनुसार, 18 सितंबर को ही भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करना उत्तम रहेगा। जबकि, 19 सितंबर को दोपहर 1:45 मिनट से पूर्व गणपति की प्रतिमा की स्थापना का सही समय होगा। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को चंद्रमा उदय होने का समय रात्रि लगभग 8:05 मिनट पर रहेगा।
कलंक चतुर्थी में इसलिए होता है चंद्र दर्शन निषेध
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन को निषेध माना गया है। आचार्य राकेश कुमार शुक्ल के अनुसार, इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से व्यक्ति को व्यर्थ का कलंक लगता है। श्रीमद्भागवत कथा के अनुसार, कलंक चतुर्थी के चंद्र दर्शन से भगवान श्रीकृष्ण पर स्मयंतक मणि की चोरी का आरोप लगा था। एक पौराणिक प्रसंग के अनुसार, चंद्र देव ने भगवान गणेश का उपहास किया था। इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था कि जो भी तुम्हें कलंक चतुर्थी के दिन देखेगा, उसे मिथ्या कलंक का भागी बनना पड़ेगा। इसलिए इस दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए।