किश्त न देने पर यमुनानगर में फाइनेंसर ने बीच रास्ते में रोकी बस, सवारियों को नीचे उतारा
रुड़की: किश्त जमा न होने पर रुड़की डिपो में अनुबंध पर चल रही रोडवेज बस को दिल्ली से आते समय फाइनेंसर ने हरियाणा के यमुनानगर में कब्जे में ले ली। आरोप है कि यात्रियों को जबरन बस से उतार दिया गया। इस पर यात्रियों ने हंगामा कर दिया। परिचालक ने विरोध किया तो उसके साथ भी अभद्रता की गई। बाद में परिचालक ने सभी सवारियों के टिकट के पैसे वापस किए और उनको दूसरी बस में बैठाकर भेजा।
परिचालक ने इस संबंध में डिपो के अधिकारियों से शिकायत की है। वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद से अधिकारियों में हड़कंप मचा है। रुड़की डिपो से एक सीएनजी से संचालित रोडवेज बस सोमवार को दिल्ली गई थी। इस समय दिल्ली जाने वाली बसें वाया करनाल होते हुए जा रही हैं।
बस दिल्ली से रुड़की वापस आ रही थी। यमुनानगर आते-आते बस में 132 सवारी रह गई थीं। जैसे ही यह बस यमुनानगर के पास पहुंची तो कुछ लोगों ने बस को बीच रास्ते में रोक लिया। चालक ने सोचा कि शायद सवारी हैं और बस को रोक दिया। जैसे ही बस रुकी तो तीन-चार लोग बस के अंदर दाखिल हो गए। अंदर जाते ही उन्होंने सबसे पहले चालक से बस की चाबी छीन ली।
अचानक हुए घटनाक्रम को देखकर बस में सफर कर रहे यात्री भी डर गए। उनको लगा कि शायद बदमाश बस के अंदर आ गए हैं। इसके बाद बस में चढ़े लोगों ने धमकी भरे अंदाज में सवारियों से कहा कि बस अब आगे नहीं जाएगी। सभी यहीं पर उतर जाएं। बस को लेकर वह जाएंगे। इस पर यात्रियों ने विरोध किया तो बस के अंदर मौजूद लोगों ने बताया कि वह फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी हैं और बस की किश्त जमा नहीं हुई है। इसलिए बस को लेकर जाएंगे। परिचालक ने भी इसका विरोध किया, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। परिचालक ने इसकी जानकारी रोडवेज अधिकारियों को दी।
साथ ही, सवारियों के टिकट के पैसे वापस करते हुए उनको दूसरी बस में बैठाकर रुड़की के लिए रवाना किया गया। वहीं, इस घटना के बाद से परिवहन निगम में हड़कंप मचा हुआ है। रुड़की डिपो के उप महाप्रबंधक सुरेश सिंह चौहान ने बताया कि इस संबंध में परिचालक ने जानकारी दी है। संबंधित बस मालिक से जवाब मांगा गया है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
रुड़की डिपो में 16 बसें अनुबंधित
रुड़की डिपो में 16 बसों का संचालन अनुबंध के आधार पर किया जाता है। करीब एक वर्ष पहले रुड़की डिपो में अनुबंध में आधार पर आठ सीएनजी बसों को भेजा गया था। जिनमें से कई बसों के स्वामियों ने उन बसों को किश्त पर खरीदा है। जिसकी हर माह किश्त जा रही थी। इसी बीच एक बस स्वामी ने बस की किश्तों को समय पर जमा नहीं किया। जिसके बाद उसको फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों की ओर से नोटिस भेजा गया था। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में जानकारी मांगी गई है।