रुड़की: गुमशुदगी को लेकर पुलिस कितनी गंभीर है। एक बार फिर इसकी बानगी रुड़की में देखने को मिली है। थाने में युवक की गुमशुदगी दर्ज होने के बावजूद युवक का शव मिलने के बाद 72 घंटे तक उसे लावारिस मानते हुए शिनाख्त के लिए मोर्चरी में रखा गया। इसके बाद उसका पोस्टमार्टम कराकर शव को कब्रिस्तान में दफना दिया गया।
जबकि युवक के हाथ पर धार्मिक चिह्न होने के बावजूद पुलिस ने रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार नहीं कराया। स्वजन को पता चला तो जमकर हंगामा हुआ। शव को कब्रिस्तान से निकालकर उसका श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया है। वहीं अधिकारी अब संबंधित दारोगा पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
कोतवाली सिविल लाइंस क्षेत्र के आदर्शनगर निवासी अमित शर्मा ने 15 फरवरी को सिविल लाइंस में गुमशुदगी दर्ज कराई कि उसका भाई शिवम शर्मा स्नातक का छात्र है। वह 13 फरवरी से घर से गायब है। पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कर ली। पुलिस ने स्वजन से करीब 100 से अधिक पोस्टर बनाकर देने को कहा। जिस पर स्वजन ने पोस्टर बनवाकर पुलिस को दे दिए। स्वजन लगातार पुलिस के चक्कर लगाते रहे। इसी बीच 17 फरवरी को मंगलौर कोतवाली पुलिस ने गंगनहर से एक शव को बरामद किया।
मंगलौर कोतवाली पुलिस ने पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप पर शव की फोटो डाली और उसको पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया लेकिन सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने इतनी जहमत तक नहीं उठाई कि शव की शिनाख्त कर ले। नियमानुसार 72 घंटे तक शव को शिनाख्त के लिए रखा गया। इसके बाद 21 फरवरी को पोस्टमार्टम होने के बाद उसको पास के ही कब्रिस्तान में दफना दिया गया।
भाई की तलाश कर रहे अमित शर्मा एवं उसके स्वजन लगातार कोतवाली, थानों के चक्कर काटते रहे। इसी बीच उनको मंगलौर कोतवाली में शव मिलने की जानकारी मिली। इसके बाद वह कोतवाली गए। पुलिस ने शव का फोटो दिखाया तो वह वहीं शर्ट पहने हुए था, जिसको पहनकर वह लापता हुआ था। इसके बाद अस्पताल में आकर पता किया तो जानकारी मिली कि मृतक युवक शिवम शर्मा है। इसके बाद कोहराम मच गया। पुलिस की घोर लापरवाही को लेकर एसएसपी से शिकायत की गई।
अपर तहसीलदार दयाराम की मौजूदगी में पुलिस ने शव को कब्र से निकलवाकर उसका अंतिम संस्कार कराया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक देहात स्वप्न किशोर सिंह ने संबंधित उप निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।