उत्तराखंडरुद्रप्रयाग

बदरी-केदार के नाम का दुरुपयोग पड़ेगा भारी, धामों के नाम से ट्रस्ट बनाकर धर्मशाला और हास्पिटल बनाने के लिए लिया गया चंदा

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के नाम, फोटो, वीडियो का व्यावसायिक उपयोग व दुरुपयोग अब भारी पड़ेगा। ऐसे मामलों में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मंदिर समिति कानूनी विशेषज्ञों की सेवा लेने जा रही है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि हाल ही में इंटरनेट मीडिया पर बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के नाम से धर्मशाला व मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल बनाने की भ्रामक सूचना प्रसारित की गई। इसके लिए धामों के नाम से ट्रस्ट बनाकर चंदा लेने की जानकारी भी सामने आई। कुछ दिनों पूर्व एक एप के माध्यम से धामों में आनलाइन पूजा कराने के नाम पर भी श्रद्धालुओं से पैसे लेने की बात सामने आई थी।

इस मामले में केदारनाथ मंदिर के प्रभारी अधिकारी ने 24 जून को सोनप्रयाग थाने में तहरीर भी दी। इन्हीं मामलों को देखते हुए दोनों धामों के नाम, फोटो, वीडियो आदि के व्यावसायिक उपयोग और दुरुपयोग को रोकने के लिए मंदिर समिति कानूनी रास्ता तलाश रही है। इसके लिए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में कानूनी विशेषज्ञों की सेवा लेने का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिस पर कार्रवाई गतिमान है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वह भ्रामक संस्थाओं अथवा ट्रस्ट के झांसे में न आएं। समिति के अधीनस्थ सभी मंदिरों में पूजा व्यवस्था, धर्मशाला निर्माण, संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था आदि का कार्य भी समिति के ही अधीन है। आनलाइन पूजा या अन्य कोई जानकारी मंदिर समिति की अधिकृत वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

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