देहरादून: समुद्रतल से 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्टेडियम नये कलेवर में निखर रहा है। पौड़ी के रांसी स्टेडियम को विस्तार देने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानकों में बनाया जा रहा है। स्टेडियम में उत्तराखंड का दूसरा सिंथेटिक ट्रैक तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि आगामी राष्ट्रीय खेलों की कुछ प्रतियोगिताएं इस स्टेडियम में भी देखने को मिलेंगी। स्टेडियम के विस्तारीकरण का 80 प्रतिशत कार्य हो चुका है। विस्तारीकरण पूरा होने के बाद यहां एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, वालीबाल आदि खेल प्रतियोगिताएं हो सकेंगी।
खूबसूरत घनी पहाड़ियों और देवदार के पेड़ों से घिरे इस स्टेडियम से हिमालय का मनमोहक नजारा दिखाई देता है। लेकिन, बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण यह अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया। यहां महज विद्यालयों की क्रीड़ा प्रतियोगिता या कुछ अन्य खेल आयोजन ही होते रहे। ऐसे में वर्ष 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीन लाख 13 हजार 200 वर्ग मीटर भूमि पर स्टेडियम के विस्तारीकरण की घोषणा की। इसके लिए 22 करोड़ 29 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। विस्तारीकरण के तहत यहां बैडमिंटन हाल, टेबल टेनिस हाल व हास्टल बनकर तैयार हो चुके हैं। सिंथेटिक ट्रैक पर भी 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है, जबकि कैंटीन निर्माणाधीन है। पौड़ी जिले के प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी अनूप बिष्ट ने बताया कि रांसी स्टेडियम में इन दिनों सिंथेटिक ट्रैक तैयार किया जा रहा है। जल्द ही स्टेडियम का विस्तारीकरण पूरा होने के बाद यहां विभिन्न प्रकार के खेल आयोजन हो सकेंगे।
ये मिलेंगी सुविधाएं
बैडमिंटन हाल, टेबल टेनिस हाल, वालीबाल कोर्ट, चार गुणा 400 मीटर का सिंथेटिक ट्रैक, आंतरिक सड़क, चेंजिंग रूम, दर्शक दीर्घा, 32 खिलाड़ियों के ठहरने की क्षमता वाला छात्रावास।
वर्ष 1974 में रखी गई थी नींव
पौड़ी बस अड्डे से लगभग 2.5 किमी की दूरी पर स्थित यह स्टेडियम बलिदानी राइफलमैन जसवंत सिंह (महावीर चक्र विजेता) के नाम से जाना जाता है। इसकी नींव वर्ष 1974 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एचएन बहुगुणा ने रखी थी। तब यह स्टेडियम 12 लाख रुपये में तैयार हुआ था, मगर इसे विशेष पहचान नहीं मिल पाई।