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चूहे ने जगह-जगह से कुतर दिया शव, हंगामा, जिलाधिकारी ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

तंत्र की काहिली ने एक बार फिर हरिद्वार के जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को सामने ला दिया है। छह महीने पहले सामने आई भयावह तस्वीर के बाद भी हालात सुधर नहीं पाए हैं। मोर्चरी में शवों की दुर्गति का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

हरिद्वार: तंत्र की काहिली ने एक बार फिर हरिद्वार के जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को सामने ला दिया है। छह महीने पहले सामने आई भयावह तस्वीर के बाद भी हालात सुधर नहीं पाए हैं। मोर्चरी में शवों की दुर्गति का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब उस समाजसेवी की देह की बेकद्री हो गई जिसने लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार में अपना जीवन खपा दिया।

जिला अस्पताल की मोर्चरी में खराब डीप फ्रिजर में 18 घंटे तक पड़े रहे उनके शव को चूहों ने जगह-जगह से कुतर दिया। इतना ही नहीं, चूहे आंख भी नोच ले गए। सबसे दुखदाई पहलू यह भी कि देहदान और नेत्रदान के संकल्प के बाद भी उनकी देह दूसरों के काम नहीं आ सकी। इससे गुस्साए लोगों ने जिला अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। एसडीएम और प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को अस्पताल परिसर के अंदर ही बंद कर दिया। साथ ही अपर रोड पर करीब चार घंटे तक धरना भी दिया गया। डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

इसी वर्ष जून में जिला अस्पताल की मोर्चरी में शवों के सड़ने का मामला सामने आया था। तब डीएम ने इसे गंभीरता से लेकर नए डीप फ्रीजरों की खरीद और मरम्मत के लिए करीब 10 लाख रुपये स्वीकृत किए थे। बावजूद इसके न नई खरीद हुई न ही डीप फ्रीजर ठीक हो पाए। अब ज्वालापुर स्थित पंजाबी धर्मशाला ट्रस्ट के मैनेजर लखन शर्मा उर्फ लकी (36) के शव की दुर्गति ने सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है।

धर्मशाला में ही अपनी मां सुशीला के साथ रहने वाले लखन शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बाजार में अचानक बेहोश हो गए। लोगों ने उन्हें मेला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन स्वजन के पहुंचने तक उन्होंने दम तोड़ दिया। रात होने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के लिए स्वजन मोर्चरी पहुंचे तो लकी के चेहरे पर घाव दिखाई दिए। डीप फ्रीजर के आसपास चूहे घूम रहे थे।

स्वजन का आरोप है कि चूहों ने सिर, नाक, गर्दन समेत अन्य हिस्से कुतर रखे थे। बायीं आंख भी गायब थी। शव की दुर्गति देख उनका गुस्सा भड़क गया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। एसडीएम जितेंद्र कुमार लोगों को समझाने का प्रयास करते रहे। इसी बीच आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल के गेट के शीशे तोड़ डाले। कांग्रेस नेता हरकी पैड़ी मार्ग पर धरने पर बैठ गए। करीब तीन बजे तक हंगामा चलता रहा। एसपी सिटी अभय सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत किया।

खराब डीप फ्रीजर में रखा गया शव

मोर्चरी में शवों को सुरक्षित रखने के लिए लगे सभी तीन डीप फ्रीजर खराब पड़े हैं। एक डीप फ्रीजर में छह शव रखने की क्षमता है, जबकि दो डीप फ्रीजर में दो-दो शव रखे जा सकते हैं। जिस डीप फ्रीजर में शव को रखा गया था, वह पहले से ही खराब था। डीप फ्रीजर पर उसके खराब होने का पर्चा भी चस्पा किया गया था। स्वजन का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन से डीप फ्रीजर के बारे में जानकारी ली गई थी, तब उन्होंने इन्हें ठीक बताया था। लकी के जीजा मनोज कुमार ने बताया नाक पर चोट के निशान थे और सिर पर गहरे घाव बने हुए थे। डीप फ्रीजर के आसपास चूहे घूमते मिले।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व मजिस्ट्रियल जांच कमेटी बनाई गई है। तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द ही मोर्चरी को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। जिससे मोर्चरी की व्यवस्थाएं सुचारु रूप से संचालित हो सकें।

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