Success Story: पहले ही प्रयास में UPSC पास कर तृप्ति बनीं आईपीएस अफसर, आईपीएस के लिए छोड़ दी इसरो की नौकरी
अल्मोड़ा की रहने वाली आईपीएस तृप्ति भट्ट का जन्म एक शिक्षक परिवार में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। बीरशिबा स्कूल अल्मोड़ा से शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठीन परिक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए परीक्षार्थी 14-15 घंटे रोजाना पढ़ाई करते हैं। इतनी मेहनत के बावजूद कई परीक्षार्थी इसे पास करने में नाकाम भी होते हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए कई उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं जो अपनी नौकरी तक छोड़ देते हैं। ऐसी ही एक उम्मीदवार तृप्ति भट्ट हैं, जिन्होंने यूपीएससी के लिए अन्य नौकरियों को नकार दिया।
आईपीएस तृप्ति भट्ट की कहानी
अल्मोड़ा की रहने वाली आईपीएस तृप्ति भट्ट का जन्म एक शिक्षक परिवार में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। बीरशिबा स्कूल से शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने पंतनगर यूनिवर्सिटी में बीटेक कोर्स में एडमिशन लिया। मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद तृप्ति ने छह सरकारी नौकरियों की परीक्षा भी पास की। इसमें इसरो और कई प्राइवेट संस्थानों की परीक्षाएं भी शामिल हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम से हुईं प्ररित
आईपीएस तृप्ति भट्ट भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से काफी ज्यादा प्रेरित हैं। कक्षा नौवीं में पढ़ने के दौरान उनकी मुलाकात डॉ. अब्दुल कलाम से हुई थी। डॉ. कलाम ने उन्हें अपने हाथों से लिखकर एक पत्र भेंट किया था, जिसे पढ़कर तृप्ति काफी ज्यादा प्रेरित हुई थीं। पत्र से प्रेरणा पाकर तृप्ति ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
पहले प्रयास में पास की यूपीएससी
आईपीएस अफसर बनना तृप्ति का सपना था। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की। अपने पहले ही प्रयास में तृप्ति ने 165वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अफसर बनीं। आईपीएस तृप्ति भट्ट राष्ट्रीय स्तर की मैराथन (16 किमी और 14 किमी) और बैडमिंटन में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं। इसके अलावा वह ताइक्वांडो और कराटे में भी नंबर वन हैं।