उत्तरकाशी : चारधाम आलेवदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के रेस्क्यू अभियान दिनो-दिन चुनौतीपूर्ण बन रहा है। शुक्रवार की दोपहर को रेस्क्यू अभियान के दौरान सुरंग के अंदर तब हड़कंप मच गया, जब सुरंग के अंदर सुरंग की चट्टान के चटकने की आवाज गूंज। आननफानन में रेस्क्यू अभियान को रोकना पड़ा।
शुक्रवार की देर शाम तक सुरंग में आवाजाही प्रतिबंधित की गई। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने ने कहा कि एनएचआइडीसीएल के अधिकारियों ने सुरंग के अंदर चटकने की आवाज आने की सूचना दी है। जो वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों, स्थानीय पुलिस और रेस्क्यू अभियान में जुटी टीम को बड़े पैमाने पर चटकने की आवाज सुनाई दी। इसको लेकर आगे रेस्क्यू के लिए विशेषकों की बैठक चल रही है।
सुरंग में हुई घटना का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार की रात आठ बजे एनएचआइडीसीएल ने प्रेस नोट जारी किया। जिससे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मीडिया में प्रसारित नहीं किया गया। देर रात तक कोई जानकारी भी साझा नहीं की गई। देर रात जब सूत्रों के जरिये प्रेस नोट प्राप्त हुआ तो उसकी सत्यता जिला प्रशासन से करवायी गई। जिसके बाद जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने एनएचआइडीसीएल के प्रेस नोट में दी गई जानकारी की पुष्टि की।
एनएचआइडीसीएल के प्रेस नोट में बताया गया कि सुरंग में चटकने की आवाज से सुरंग के अंदर और सुरंग में काम कर रही टीम के साथ-साथ दहशत की स्थिति पैदा हुई। इससे सुरंग में अफरातफरी मची। घटना के बारे में परियोजना के जीएम ने बताया कि ऐसी घटनाओं के मामले में दरार पड़ती है। सुरंग निर्माण के दौरान पहले भी ऐसी स्थिति सामने आई है।
सिलक्यारा सुरंग में अतीत की घटनाओं और विशेषज्ञों की राय के अनुसार सुरंग के ढहने की आशंका है। सिलक्यारा की ओर से सुरंग के 150 मीटर से लेकर 203 मीटर तक पाइप पुशिंग की गतिविधि बंद कर दी गई है। इस क्षेत्र में देर रात को खोज बचाव टीम ने हस क्षेत्र में सुरक्षा के लिए ह्यूम पाइप बिछाने का कार्य शुरू किया। इसके अलावा सुरंग में स्थिति से निपटने के लिए सभी अधिकारियों और विभिन्न विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाई गई।