देहरादून: लगातार हो रही बारिश के बाद खराब हुई फसल और परिवहन की दिक्कतों के कारण टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। यही वजह है कि मैकडोनल्ड समेत कई भारतीय रेस्तरां ने अपनी मेन्यू डिश में टमाटर का प्रयोग लगभग बंद कर दिया है। टमाटर के तौर पर अन्य विकल्प तलाशे जा रहे हैं और इनका जमकर उपयोग भी किया जा रहा है।
कई मैकडानल्ड्स और सबवे आउटलेट ने गुणवत्ता के मुद्दों का हवाला देते हुए अपने मेन्यू आइटम से टमाटर हटाया है तो आम आदमी ने अपनी जेब देखकर इससे किनारे कर लिया है। हालांकि सरकार ने सस्ता टमाटर बेचने की दिशा में कदम जरूर बढ़ाएं हैं, लेकिन उस दिशा में काम होता नजर नहीं आ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में दूध और सब्जियां बेचने वाली मदर डेयरी में पिछले 15 दिनों के दौरान प्यूरी की बिक्री में 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उधर, उपभोक्ता कंपनी डाबर ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्यूरी का उत्पादन बढ़ा दिया है। टाटा की आनलाइन शापिंग वेबसाइट बिगबास्केट पर प्यूरी की बिक्री में जुलाई के पहले पखवाड़े में 175 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई।
बिगबास्केट से जुड़े एक अधिकारी सेशु कुमार ने बताया कि जो ग्राहक पहले एक किलो टमाटर का आर्डर देते थे, वहीं अब सिर्फ आधा किलो खरीद रहे हैं। अमेजन ने कहा है कि उसके प्लेटफार्म पर टमाटर प्यूरी की मांग पिछले महीने के मुकाबले पांच गुना बढ़ गई है जबकि केचप की बिक्री 30 प्रतिशत बढ़ी है। प्यूरी के पैक में लगभग 40 प्रतिशत टमाटर का पेस्ट और बाकी पानी होता है।
इसकी कीमत लगभग 130 रुपये प्रति किलो है। नई दिल्ली में बुधवार को टमाटर की कीमत 199 रुपये प्रति किलो थी, जो अप्रैल में लगभग 30 रुपये थी। कुछ लोग ग्रेवी के लिए केचप का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। आम लोगों ने भी टमाटर के विकल्प के तौर पर प्यूरी का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। गूगल ट्रेंडस के डाटा से पता चलता है कि हाल के दिनों में सबसे ज्यादा टमाटर प्यूरी और टमाटर प्यूरी एक किलो कीमत शब्दों को सबसे ज्यादा सर्च किया गया।