पिंजरे में कैद हुआ बाघ, तीन अक्टूबर को बाघ ने महिला को बनाया था निवाला, लंबे समय से थी तलाश
कोटद्वार: नैनीडांडा प्रखंड के अंतर्गत हल्दुखाल क्षेत्र में सक्रिय बाघ को आखिरकार वन विभाग पिंजरे में कैद करने में कामयाब रहा। शुक्रवार रात गढ़वाल वन प्रभाग की ट्रेंकुलाइज टीम ने ग्राम सिमडी के समीप मुजरा बैंड पर बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में सफलता पा ली। शनिवार सुबह बाघ को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज में स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेजा जाएगा।
बताना जरूरी है कि बीती 3 अक्टूबर को बाघ ने हल्दुखाल क्षेत्र के ग्राम बेड हाट छोटा में एक महिला को निवाला बना दिया था। इसके बाद से ही वन विभाग की टीम लगातार बाघ पर नजर रखे हुए थी। शुक्रवार दोपहर बाघ ग्राम केलधार के समीप नजर आया था। इसके बाद से ही वन विभाग की टीम बाघ को तलाश रही थी।
प्रभागीय वनाधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि शुक्रवार रात विभागीय ट्रेंकुलाइज टीम ने क्षेत्र में सक्रिय बाघ को ग्राम सिमली के समीप मुजरा बंद में ट्रेंकुलाइज कर दिया। बेहोश बैग को पिंजरे में रखा गया है व उसे ढेला रेस्क्यू सेंटर भेजा जाएगा। बताया कि सेंटर में बाघ की पूरी जांच की जाएगी।
बाघ के पिंजरे में बंद होने के बाद क्षेत्र की जनता ने राहत की सांस ली है।