Raksha Bandhan 2023: भाई-बहन के अटूट प्यार का ऐसा मंदिर, जहां पूरी होती है भाई-बहन की हर मुराद
देहरादून: उत्तराखंड देवभूमि है। यह तमाम छोटे-बड़े मंदिर हैं। जहां हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर भी है, जो भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक है। यहां भाई-बहन की हर मुराद पूरी होती है।
मां संतला देवी का यह मंदिर भाई-बहन के अटूट और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। देखिए वीडियोइस मौके पर देहरादून जिले में स्थित मां संतला देवी के मंदिर में आस्था का मेला लगता है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। कहा जाता है कि सच्चे मन से मुराद मांगने वाले की हर मुराद मां संतला पूरी करती हैं। मां संतला का यह मंदिर भाई-बहन के अटूट और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां संतला देवी नेपाल राजघराने की राजकन्या थीं। वो शक्ति का प्रतीक थीं, जो कि मानव रूप में अवतरित हुई थीं। उस वक्त मुगलों का राज था। मुगल शासक ने मां संतला से विवाह का प्रस्ताव भेजा। तब मां संतला संतौर नामक जगह में पहुंची और वहां किला बनाकर रहने लगी। इस बात का पता चलने पर मुगलों ने किले पर हमला कर दिया।जब संतला देवी और उनके भाई को इस बात का अहसास हुआ कि वो मुगलों से लड़ने में सक्षम नहीं हैं तो संतला देवी ने हथियार फेंककर ईश्वर से उन्हें पत्थर में तब्दील करने की प्रार्थना की। अचानक एक प्रकाश चमका और वे पत्थर की मूर्ति में बदल गईं। बाद में किले के स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया।
संतला देवी मंदिर देहरादून से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए डेढ़ किमी की पैदल चढ़ाई चढ़नी होती है। यहां संतान की प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोग भी पूजा करने आते हैं। नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मां भक्तों की सभी मुरादों को पूरा करती है।