डॉग लवर ध्यान दें: कुत्ता पालना अब पड़ सकता है भारी, अगर नहीं दिखाई ये समझदारी
डॉग लवर ध्यान दें: कुत्ता पालना अब पड़ सकता है भारी, अगर नहीं दिखाई ये समझदारी
देहरादून: डॉग लवर की कमी नहीं है। घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक को कुत्ते पालने के बेहद शौक होता है। ये हम जानते हैं, लेकिन अब ये शौक पूरा करना है तो कुछ नियम भी मानने होंगे। अन्यथा इसकी बड़ी भरपाई करनी पड़ सकती है।
कुत्ता पालने लिए अब नए नियम फॉलो करने होंगे। पड़ोसी की एनओसी लेना अनिवार्य होने के साथ ही कई अन्य नियमों का भी ध्यान रखना होगा। कुत्ता पालने में अगर पड़ोसियों ने आपत्ति जताई तो डॉग लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।
कुत्तों के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आपत्ति किए गए पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। वरना कुत्तों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा और निगम की ओर से स्वामी पर निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा।
नगर निगम में सिर्फ 37 के ही पंजीकरण
शहर में 4000 पालतू कुत्ते होने के बाद भी नगर निगम में सिर्फ 37 के ही पंजीकरण हैं। चार माह पहले हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में नियमावली का प्रस्ताव पास होने के बाद भी निगम की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। निगम अधिकारियों व कर्मचारियों की सुस्त गति होने के चलते कुत्तों के लाइसेंस शुल्क अधिनियम 2022 की नगर निगम की ओर से नियमावली लागू करने में काफी समय लग रहा है।
ऐसे में शहर में पालतू कुत्तों को लोग खुले स्थान में शौच करा रहे हैं। इससे सड़कों, पार्क, खेल मैदान आदि में गंदगी फैल रही है। नगर निगम की ओर से नियमावली बनाई गई है कि कुत्तों को खुले स्थान में शौच नहीं कराया जाएगा। इसका उल्लंघन करने में निगम के कर्मचारियों की ओर से 500 रुपये का दंड लगाया जाएगा। कुत्ते पालने के लिए घर के चारों और दीवारें बनाया जाना आवश्यक है।
बनाए जा रहे कड़े नियम
– डॉग लाइसेंस बनाने पर 500 रुपये करने होंगे खर्च।
– हर साल कराना होगा नवीनीकरण, अगर ऐसा नहीं किया तो प्रति तीन माह के अंतराल में 100 रुपये विलंब शुल्क लगेगा।
– तीन माह से अधिक की आयु के कुत्तों का अगर छह माह तक पंजीकरण नहीं कराया तो 700 रुपये का देना होगा दंड।
– कुत्तों के गले में लटका रहेगा टोकन, अगर टोकन नहीं हुआ तो निगम कुत्तों को कर लेगा जब्त।