हरिद्वार: शामली (उत्तर प्रदेश) के एक हिंदू दंपती को विकासनगर (देहरादून) में मतांतरण कराने का मामला सामने आया है। परिवार पिछले 10 साल से हरिद्वार में रह रहा है और बीते कुछ महीने से इलाज के लिए विकासनगर एक हकीम के पास जाता रहता था। आरोप है कि हकीम ने दवाई के नाम पर उन्हें चूरन दिया था, जिसे खाने के बाद वह मुस्लिम धर्म से जुड़ी बातें करने लगे। दंपती के बेटे ने रानीपुर कोतवाली में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार मूलरूप से थानाभवन (शामली) के केहड़ी गांव निवासी कुंदन वर्तमान में ग्राम गढ़मीरपुर, रानीपुर (हरिद्वार) में रहता है। कुंदन ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी मां संगीता को कमर दर्द की शिकायत थी। बीती सर्दी के दौरान किसी परिचित ने उसके पिता चरण सिंह को विकासनगर में एक हकीम के बारे में बताया। तब पिता इलाज के लिए मां संगीता को हकीम मुफ्ती आदिल के पास विकासनगर ले गए। हकीम मुफ्ती (मुस्लिम धर्मगुरु) भी है।
कुंदन का आरोप है कि हकीम मुफ्ती आदिल ने उसके माता-पिता को धन व जमीन का लालच दिया और मतांतरण कराया। कुछ दिन से उसके पिता मुस्लिम टोपी लगाकर अल्लाह-अल्लाह करते रहते हैं। आरोप है कि मौलाना पहले भी गरीब व अनपढ़ लोगों को धन का लालच देकर उनका मतांतरण कराता रहा है। चरण सिंह की पत्नी संगीता ने बताया कि वह दो बार अपने पति के साथ हकीम के यहां गई। उस दौरान हकीम ने उनके पति से करीब आधा घंटा अकेले में बात की। इसके बाद उसके पति तीन-चार बार अकेले ही हकीम के पास गए।
आरोप है कि चूरन खाने के बाद से पति का व्यवहार बदल गया। संगीता ने बताया कि उसने खुद भी चूरन खाया और उसे हकीम की दवा से आराम भी हुआ। लेकिन, पति पिछले तीन-चार दिन से मुस्लिम टोपी लगाकर कलमा पढ़ते हैं। आरोप है कि उन्होंने इस बारे में जब हकीम को फोन पर बताया तो उसने कहा कि ऐसा होता है। युवक का कहना है कि हकीम से उसे और परिवार की जान को खतरा है। लिहाजा आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, ताकि वह किसी अन्य गरीब हिंदू व अनपढ़ लोगों को बहला-फुसलाकर मतांतरण न करा सके।
युवक की शिकायत के बारे में रानीपुर कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने आला अधिकारियों को अवगत कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित मुफ्ती आदिल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।