देहरादून: उत्तराखंड के तीन लाख से अधिक कर्मियों और पेंशनरों को गोल्डन कार्ड पर कैशलेस पैथोलाजी जांच और दवाइयों की सुविधा जल्द मिल सकती है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने संशोधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
प्रदेश सरकार ने आयुष्मान के तहत राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में गोल्डन कार्ड पर कर्मियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी है। वर्तमान में भर्ती होने पर असीमित खर्च पर कैशलेस इलाज कराया जा रहा है।
कर्मचारी व पेंशनरों की मांग है कि कैशलेस इलाज के लिए प्रति माह वेतन व पेंशन से अंशदान की कटौती की जा रही है। ऐसे में ओपीडी में सभी तरह की पैथोलाजी जांच और दवाइयों को भी कैशलेस किया जाए। पूर्व में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शासन को पैथोलाजी जांच और दवाइयों को कैशलेस करने का प्रस्ताव भेजा था।
बीते साल से ही इस सुविधा लागू करने की तैयारी थी। इस बीच प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान से सीईओ का पद वापस लेने से प्रस्ताव लटक गया। कुछ माह पहले शासन ने प्राधिकरण से दोबारा प्रस्ताव भेजने के लिए कहा। ताकि जल्द कर्मियों और पेंशनरों को इसका लाभ दिया जा सके।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक डा. विनोद टोलिया के अनुसार, पूर्व में जो प्रस्ताव बनाया गया था, उसमें कुछ संशोधन होना था। शासन स्तर पर दोबारा प्रस्ताव मांगा गया था। संशोधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। जल्द ही पैथोलाजी जांच और दवाइयों को कैशलेस किया जाएगा।