
देहरादून: दो लाख रुपये के लालच में एक आरोपित ने अपने ही दो साल के भांजे का अपहरण कर उसे बेच दिया। दून पुलिस ने अपहृत बच्चे को बिजनौर से सकुशल बरामद कर चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान राकेश निवासी ग्राम जाटान, जिला बिजनौर, वर्तमान निवासी सहस्त्रधारा रोड, तानिया निवासी गोहरपुर सुल्तानपुर, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश वर्तमान निवासी सहस्त्रधारा रोड, प्रिंयका निवासी कोडीपुर, धामपुर, बिजनौर और सेंटी निवासी कोडीपुर धामपुर, बिजनौर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। वहीं, मामले में राहुल निवासी गोहरपर, काफियाबाद, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश फरार है। विवेचना में सामने आया है कि मुख्य साजिशकर्ता राकेश ने अपने दो बेटों को भी बेचा है, उनकी बरामदगी के लिए भी कार्रवाई में जुटी हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि दो जनवरी को रीना मूल निवासी झालू बिजनौर वर्तमान निवासी यमुना कालोनी ने कैंट कोतवाली में सूचना दी कि उसके दो बेटों आकाश उम्र पांच वर्ष और विकास उम्र दो वर्ष का किसी ने अपहरण कर लिया है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर प्रकरण की गंभीरता से जांच के निर्देश जारी किए। पूछताछ में पता चला कि महिला रीना जो कि मानसिक रूप से कमजोर है और उसके घर पर राकेश नाम के व्यक्ति आना-जाना रहता था।
पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि दो जनवरी की शाम को राकेश और रीना के बड़े बेटे आकाश को यमुना कालोनी में देखा गया था। शिकायतकर्ता के स्वजन से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 2024 को आरोपित राकेश व एक अन्य महिला रीना व उसके दोनों बच्चों को यमुना कालोनी से ले गए थे। जिसमें बड़े बेटे आकाश को दो जनवरी को वापस छोड़ गए। जबकि छोटे बेटे विकास को बेच दिया।
पुलिस ने आरोपित राकेश निवासी कस्बा जाटान मोहल्ला जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह पिछले 15-16 वर्षों से सहस्त्रधारा रोड में रहता है और रायपुर स्थित आर्डनेंस फैक्ट्री में माली का काम करता है। बच्चे के अपहरण में राकेश के साथी राहुल व उसकी बेटी तानिया निवासी गोहरपुर काफियाबाद मुरादाबाद वर्तमान निवासी आईटी पार्क की संलिप्तता भी सामने आई। घटना के बाद से ही तीनों आरोपित मोबाइल बंद करके फरार चल रहे थे।
पुलिस को तीनों आरोपितों के अमरोहा में राहुल की बुआ के घर पर छिपे होने की जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर कैंट कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक केसी भट्ट व विवेचक महिला उपनिरीक्षक विनियता चौहान के नेतृत्व में एक टीम को अमरोहा भेजा गया, जहां पुलिस टीम ने कटाई अमरोहा में राहुल की बुआ के घर पर दबिश देते हुए आरोपित राकेश और तानिया को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि बच्चे को धामपुर में प्रियंका व सेंटी नाम के व्यक्ति को दो लाख रुपये में बेचा है। एसएसआइ महादेव उनियाल की देखरेख में एक टीम ने धामपुर कोढीपुर में दबिश देकर प्रकरण में शामिल प्रियंका व सेंटी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि बच्चे को सरकथल शिवाला में एक परिवार को बेचा गया है, जहां पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर अपहृत बच्चे को सरकथल शिवाला बिजनौर से सकुशल बरामद कर लिया।
सफाई का काम करते-करते बना दिया पूरा गिरोह
पूछताछ में आरोपित राकेश ने बताया कि वह वर्ष 2004 से देहरादून में साफ-सफाई का कार्य कर रहा है। राहुल भी उसके साथ साफ-सफाई का काम करता है। दोनों की अच्छी जान-पहचान है। दिसंबर 2024 में राहुल की बेटी तानिया ने बताया कि धामपुर में प्रियंका नाम की एक महिला उसके साथ काम करती है और उसकी जान-पहचान के एक व्यक्ति को एक बच्चे की जरूरत है, जिसके एवज में उन्हें मोटी रकम मिलेगी। इसके लिए आरोपित ने अपने मामा की लड़की रीना जोकि मानसिक रूप से कमजोर है, के दो बच्चों को बेचने की योजना बनाई। 16 दिसंबर 2024 को रीना को बहला-फुसलाकर उसके दो बच्चों के साथ अपने साथ ले गया, जहां राकेश ने राहुल व तानिया के साथ मिलकर रीना के दो साल के बच्चे को धामपुर में प्रियंका व सेंटी को दो लाख रुपये में बेच दिया और धनराशि आपस में बांट दी।
महिला को मायके में छोड़ा, खुद अमरोहा में छिप गए
शातिर राकेश देहरादून से रीना व उसके दो बेटों को बिजनौर ले गया। कुछ दिन उसने रीना व बच्चों को अपने साथ रखा और 30 दिसंबर को उसने रीना को उसके मायके में छोड़ दिया और खुद बच्चों को घुमाने के बहाने बेचने के लिए चला गया। बच्चे वापस नहीं आए तो रीना देहरादून पहुंची और पुलिस से शिकायत की। पकड़े जाने के डर से आरोपित ने रीना के बड़े पुत्र आकाश को दो जनवरी 2025 को यमुना कालोनी में उसके घर के पास छोड़ दिया और खुद पुलिस से बचने के लिए अमरोहा में राहुल की बुआ के घर जाकर छुप गया।