AIIMS: आरोपित की गिरफ्तारी के लिए ऋषिकेश एम्स के वार्ड तक गाड़ी ले जाना आपात कदम
ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में चौथे मंजिल पर वार्ड तक पुलिस की गाड़ी ले जाने मामले में गुरुवार को एम्स प्रशासन और पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की। एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि महिला डाक्टर से छेड़छाड़ मामले में प्रदर्शन कर रहे जूनियर रेजिडेंट ने वार्ड को घेर रखा था। ऐसे में आरोपित तक पहुंचने के लिए यह कदम उठाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए एक एसओपी तैयार की जा रही है। इसी मसले पर एसएसपी अजय सिंह ने भी स्पष्ट किया कि जूनियर रेजिडेंट के गुस्से और आरोपित की जान को खतरा देख यह रणनीति बनाई गई थी। उस वक्त के हालात ऐसे थे कि यही अंतिम और सुरक्षित विकल्प था।
एम्स ऋषिकेश में 19 मई को सर्जरी विभाग में एक महिला चिकित्सक ने ड्यूटी के दौरान नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। जूनियर रेजिडेंट के आक्रोशित होने के बाद पुलिस ने नर्सिंग अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था और एम्स प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया था। लेकिन जूनियर रेजिडेंट आरोपित को गिरफ्तार करने और सेवाएं समाप्त करने की मांग पर अड़े थे।
मंगलवार की रात वे वार्ड के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान वहां पुलिस पहुंची और चौथे मंजिल पर वार्ड तक गाड़ी ले जाकर आरोपित नर्सिंग अधिकारी को गिरफ्तार कर ले लाई। पुलिस की गाड़ी के वार्ड तक पहुंचने पर मरीज और तीमारदार हक्के-बक्के रह गए थे।
एम्स की निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस घटना से एम्स के डाक्टर गुस्से में थे। उन्होंने वार्ड का घेराव कर रखा था। आरोपित चौथे वार्ड में भर्ती था, ऐसे में पुलिस की गाड़ी को रैंप से चौथी मंजिल तक ले जाया गया। भीड़ से बचने के लिए यह रास्ता निकाला गया। वहां मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई।
सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें साइड कर दिया था इसलिए किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। वाहन के इमरजेंसी वार्ड से निकलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस वार्ड में सिर्फ मरीजों का परीक्षण होता है।
गुरुवार को एम्स पहुंचे एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने कहा कि 200 से 250 चिकित्सक आंदोलित थे। पुलिस को लगा कि सामान्य तरीके से आरोपित को ग्राउंड फ्लोर तक ले जाना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में एम्स प्रशासन से बातचीत की गई और स्थिति से अवगत कराया। एम्स प्रशासन की सहमति पर वाहन को चौथी मंजिल पर ले जाने का निर्णय लिया गया।
एम्स प्रशासन व कर्मियों की ओर से जो उचित मार्ग सुझाया गया, पुलिस ने वही मार्ग अपनाया। एसएसपी ने यह भी कहा कि आरोपित चौथी मंजिल में मनोरोग विभाग के वार्ड में भर्ती हो गया था। इसलिए पुलिस को उसे वहां से ग्राउंड फ्लोर तक खुले रूप में लाना सुरक्षित नहीं लग रहा था।
लिखित आश्वासन पर अड़े चिकित्सक, एसएसपी ने कहा-एसआइटी करेगी जांच
छेड़छाड़ प्रकरण में आरोपित नर्सिंग अधिकारी की सेवा समाप्ति और असिस्टेंट नर्सिंग सुपरिटेंडेंट के निलंबन की मांग को लेकर जूनियर चिकित्सकों ने तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार कर हंगामा किया। एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह और एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने आंदोलित चिकित्सकों से वार्ता की और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन चिकित्सक लिखित आश्वासन मिलने पर ही कार्य पर लौटने पर अड़े रहे।
एसएसपी ने कहा कि प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित की जाएगी, जिसमें एम्स प्रबंधन के विधि विशेषज्ञ को भी शामिल किया जाएगा। इससे पुलिस जांच में तेजी लाएगी और आरोपित नर्सिंग अधिकारी के खिलाफ आरोपों की पुष्टि होती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।