उत्तराखंड

आयरन स्क्रैप की खरीद में फर्जीवाड़ा कर सरकार को लगाया छह करोड़ का चूना, जमा कराए गए 1.10 करोड़ रुपये

देहरादूनः फर्जी बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का गलत लाभ प्राप्त करने की प्रवृत्ति थमने का नाम नहीं ले रही है। आयरन स्क्रैप की खरीद में फर्जी ढंग से आइटीसी का लाभ लेने वाले प्रतिष्ठानों पर की गई छापेमारी में भी यह बात निकलकर आई है। स्टेट जीएसटी की एसआइबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) की छापेमारी में यह बात सामने आई कि अब तक आइटीसी के नाम पर छह करोड़ रुपये का चूना लगाया जा चुका है। हालांकि, छापेमारी के क्रम में मौके पर ही 1.10 करोड़ रुपये जमा करा लिए गए।

स्टेट जीएसटी की एसआइबी ने आयरन स्क्रैप के पांच प्रतिष्ठानों के तीन कार्यालयों और दो गोदाम पर छापेमारी की। इस दौरान पता चला कि ये प्रतिष्ठान देहरादून व हरिद्वार के कुछ अपंजीकृत प्रतिस्थनों से आयरन स्क्रैप की खरीद कर रहे थे। अपंजीकृत प्रतिष्ठानों से की गई खरीद पर आइटीसी अनुमन्य नहीं है। फिर भी आइटीसी का लाभ प्राप्त करने के लिए इन प्रतिष्ठानों ने उत्तर प्रदेश व दिल्ली की कुछ फर्मों से खरीद के फर्जी बिल प्राप्त किए।

इस तरह अब तक 06 करोड़ रुपये के आइटीसी का लाभ नियमों के विपरीत प्राप्त कर लिया गया था। मामला पकड़ में आ जाने के बाद 1.10 करोड़ रुपये मौके पर ही जमा करा दिए जाने के साथ शेष राशि शीघ्र जमा करने का आश्वासन दिया गया। जिसकी वसूली अर्थदंड और ब्याज के साथ की जाएगी। छापेमारी अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल के निर्देशन में की गई, जबकि नेतृत्व संयुक्त आयुक्त श्याम तिरुवा ने किया।

टीम में उपायुक्त सुरेश कुमार, निखिलेश श्रीवास्तव, भुवन चंद्र पांडे, अजय बिरथरे, प्रेम चंद्र शुक्ला, जयदीप रावत, अमित कुमार, अवनीश पांडे, उमेश दुबे समेत 40 कार्मिक शामिल रहे।

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