Padma Shri Award 2024: उत्तराखंड के इस पुरातत्व के पुरोधा को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में मिला या पुरस्कार
उत्तरकाशी : उत्तराखंड के प्रसिद्ध पुरातत्वविद व इतिहासकार डा यशवंत सिंह कठोच का नाम शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित हुआ है। इतिहास और पुरातत्व की जानकारियों से भरी 12 पुस्तकें डा यशवंत सिंह कठोच लिख चुके हैं। 89 वर्षीय डा यशवंत सिंह कठोच पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के मासौं गांव निवासी है। उत्तराखंड के इतिहास और पुरातत्व की जानकारी से संबंधित प्रतियोगी पुस्तकों का संपादन भी डा यशवंत सिंह कठोच ने किया है।
डा यशवंत सिंह कठोच ने कहा कि इन दिनों वह अपने गांव मासौं आए हैं। उनका अध्ययन और लेखन कक्ष पौड़ी जिला मुख्यालय क्षेत्र में है। खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि उन्हें पद्मश्री पुरस्कार के लिए नाम चयनित होने की जानकारी मिली है।
डा यशवंत सिंह कठोच का जन्म 27 दिसम्बर, 1935 को मासौं गांव (पौड़ी गढ़वाल) में हुआ। डा कठोच की प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व में खास रुचि रही है। यशवंत सिंह कठोच राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मासौं से 1995 में सेवानिवृत्त हुए।
कला, संस्कृति एवं पुरातत्व पर उनके 50 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी पहली शोध पुस्तक मध्य हिमालय का पुरातत्व 1981 में प्रकाशित हुई। ईसमें उन्होंने उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद चिह्न, मध्य हिमालयी पठार का प्रथम खंड, उत्तराखंड का नवीन इतिहास, एडकिंसन मध्य हिमालय का इतिहास एक अध्ययन, हरिकृष्ण रतूड़ी का गढ़वाल का इतिहास का अध्ययन, भारतवर्ष के एतिहासिक स्थलकोश, मध्य हिमालय की कला, जिसमें मूर्ति कला व वास्तु कला, लेखक भजन सिंह की पुस्तकों का संग्रह सहित पुस्तकें लिखी है।
डा यशवंत सिंह कठोच ने बताया कि उनका मुख्य विषय पुरातत्व रहा है, जिसके अध्ययन से उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति की सही और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त हुई है। अभी भी वह निरंतर अपने लेखन और अध्ययन में जुटे हैं, जिससे नई चीजों को जानने और समाज में पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।