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Uttrakhand: चुनाव से पहले महिलाओं पर मेहरबान हो सकती है उत्तराखंड की धामी सरकार

देहरादूनः बागेश्वर उपचुनाव में करीबी अंतर से मिली जीत ने भाजपा सरकार और संगठन को मंथन करने पर मजबूर कर दिया है। इस जीत से भले ही भाजपा को राहत मिली हो, लेकिन उसे सोचने पर भी विवश कर दिया है। कि यदि यही स्थिति रही तो भाजपा को लोकसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला करना पड़ सकता है। चुनाव के बाद भाजपा को एक बार फिर एहसास हुआ है कि उसकी चुनावी वैतरणी पार लगाने में महिला मतदाताओं की अहम भूमिका है। इसलिए लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे संगठन और सरकार की एक मुख्य रणनीति महिलाओं को कुछ और सौगात देने की है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं की महिलाओं में पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रति बहुत सम्मान है। पार्टी की रीति-नीति और सरकार के लोक हित से जुड़े निर्णय भी उन्हें प्रभावित करते हैं। वे बड़ी संख्या में भाजपा को विजयी बनाने के लिए पोलिंग बूथ तक आती हैं। बागेश्वर उपचुनाव में पुरुषों से अधिक मतदान करने वाली महिलाओं में से ज्यादातर ने भाजपा को वोट दिए।

महिला व युवा वोट पर है भाजपा की निगाह

भाजपा की प्रदेश के युवा और महिला वोट बैंक पर खास निगाह है। निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 81.67 लाख मतदाताओं में से 39.31 लाख महिला मतदाता हैं। कुल मतदाताओं में से सबसे अधिक करीब 22.34 लाख वोटर 30-39 आयु वर्ग के हैं। भाजपा का फोकस इन वोटों को साधने पर है।

महिला हितों में अब तक लिए निर्णय

दो दिन पहले ही धामी सरकार ने सरकारी विभागों व संस्थानों में दैनिक वेतन पर तैनात महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश की सौगात दी। सीएम कार्यालय की कोर टीम को सीएम के निर्देश हैं कि वे गरीब, कमजोर व आम जन के अलावा महिलाओं, बालिकाओं और युवाओं के हित में योजनाएं और कार्यक्रम तैयार कराएं।

ये कुछ प्रमुख फैसले लिए

महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिये एक विशेष कोष, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ाया, राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण।

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