नैनीताल: डीएसबी परिसर में वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी को मिला वर्ष 2022-23 का “राजभाषा गौरव पुरस्कार”
नैनीताल: आधुनिक ज्ञान विज्ञान की विभिन्न विधाओं एवं राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मौलिक रूप से राजभाषा हिंदी में पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 से राजभाषा गौरव पुरस्कार की शुरुआत की गई।
इसके तहत तीन श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते हैं प्रथम श्रेणी में भारत के नागरिकों को हिंदी में ज्ञान विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन के लिए, द्वितीय श्रेणी में केंद्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन के लिए, एवं तृतीय श्रेणी में केंद्र सरकार के कार्मिकों (सेवानिवृत्त सहित) को हिंदी में उत्कृष्ट लेख के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार दिया जाता है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार के तहत प्रथम पुरुस्कार में ₹200000 की राशि, द्वितीय पुरुस्कार में ₹125000 की राशि, तृतीय पुरुस्कार में ₹75000 की राशि, प्रोत्साहन पुरुस्कार में ₹10000 की राशि के साथ ही प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है।
वर्ष 2022-23 में हिंदी में ज्ञान विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के डी०एस०बी० परिसर में वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो० अतुल जोशी को “राजभाषा गौरव पुरस्कार” प्राप्त हुआ है। प्रो० अतुल जोशी को हिंदी भाषा में “भारतीय हिमालय जीवन और जीविका” पुस्तक लिखने पर प्रथम पुरुस्कार दिया गया है। प्रो० जोशी पूर्व में भी राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक रहते हुए राष्ट्रपति पुरुस्कार-2015 से सम्मानित हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि 2 दिन पूर्व ही कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा प्रो० अतुल जोशी को इसी पुस्तक हेतु वाईएस पांकती रिसर्च पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुस्तक की समीक्षा पर्यावरणविद एवं इतिहासकार प्रो० अजय रावत एवं डॉ० अरुण कुकशल द्वारा लिखी गई है।
प्रो० अतुल जोशी की इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो० दीवान सिंह रावत ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रो० जोशी की यह विशिष्ट उपलब्धि पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।उन्होंने कहा कि हमें और संकल्पित एवं उर्जान्वित होकर शिक्षा एवं अनुसन्धान के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करते रहना हैI